तेरहवीं पर बेफिजूल खर्च न करते हुए सामाजिक कार्य हेतु निधि प्रदान
शिवराज्याभिषेक दिन पर कृतज्ञता समारोह
चांदूर रेल्वे/प्रतिनिधि/दि.८ – मांजरखेड कसबा के कवि, निवेदक तथा शाहू-फुले-आंबेडकर विचार के पुरस्कृत गजानन इंदूशंकर देशमुख के पिता शंकरराव उर्फ रावसाहब देशमुख का हाल ही में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. कोरोना काल व घर के सभी व्यक्ति क्वारंटाईन सेंटर में रहने के कारण देशमुख परिवार व्दारा तेरवी का किसी भी प्रकार का अतिरिक्त खर्च न करते हुए श्रध्दांजलि सभा आयोजित की गई.
शिवराज्याभिषेक दिन के मुहूर्त पर पिता को श्रध्दांजलि व कृतज्ञता समारोह का आयोजन किया गया था. इस समय अमोल देशमुख, संजय देशमुख, सचिन देशमुख, नितीन देशमुख, प्राविण्य देशमुख, काशिनाथ सवाई, नरेश वाडकर, रमजान शहा, गजानन मानकर, यादव सवाई,अजय क्षिरसागर का थर्मामीटर व सत्यशोधक कार्यकर्ता शारदाबाई गोविंदराव पवार (शरद पवार की माता) का संघर्ष प्रस्तुत करने वाली पुस्तक देकर शाला व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष संदीप देशमुुख व पत्रकार राहुल देशमुख के हाथों उनका गौरव किया गया व उषा देशमुख को साड़ी-चोली भेंट की गई. देशमुख परिवार व्दारा निधन पश्चात किसी भी प्रकार का धार्मिक विधि व भोजन न कराते हुए तेरवी का खर्च न करते हुए वह निधि सामाजिक कार्य के लिये दी गई. यह निधि शासकीय विद्यानिकेतन स्कूल को 1 हजार रुपए, मूल गांव विरुल आकाजी में पांच हजार रुपए, होनहार छात्रा साक्षी देशमुख को उच्च शिक्षा के लिये दस हजार रुपए व स्व. बापूरावजी देशमुख सार्वजनिक वाचनालय को फर्निचर के लिये दस हजार रुपए व गांव के युवकों हेतु स्पर्धा परीक्षा की पुस्तकें प्रदान करने की घोषणा की गई.