अमरावती

सिंचाई हेतु संभाग के लिए 3,771 करोड रूपये का प्रावधान

विदर्भ क्षेत्र के सिंचाई प्रकल्पों का काम पकडेगा रफ्तार

अमरावती/दि.15– विदर्भ में सिंचाई क्षमता को बढाने की दृष्टि से महाविकास आघाडी सरकार द्वारा सिंचाई प्रकल्पों के लिए राज्य के बजट पत्र में करीब 6 हजार करोड रूपयों का प्रावधान किया गया है. जिसके तहत अमरावती संभाग के लिए 3 हजार 771 करोड रूपये की व्यवस्था की गई है. ऐसे में इस धनराशि से कई महत्वपूर्ण सिंचाई प्रकल्पों का काम पूरा होकर क्षेत्र की सिंचाई क्षमता व कृषि उत्पादकता बढने में निश्चित तौर पर मदद मिलेगी. इस आशय का विश्वास राज्य के जलसंपदा राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा व्यक्त किया गया है.
बता दें कि, विदर्भ क्षेत्र के सभी जिलों में सिंचाई प्रकल्पों के कामों को गति मिले तथा सिंचाई क्षमता में वृध्दि हो, इस दृष्टि से राज्य के जलसंपदा राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा सतत प्रयास किये जाते है. जिसके चलते विभिन्न सिंचाई प्रकल्पों के लिए राज्य के बजट पत्र में बडे पैमाने पर प्रावधान किया गया है और विदर्भ क्षेत्र में खेती-किसानी के लिए सिंचाई की सुविधाएं बढाने हेतु काफी बडी धनराशि की व्यवस्था की गई है.

* जिले के लिए 862.72 करोड का प्रावधान
अमरावती जिले में सिंचाई प्रकल्पों के विकास कामोें की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बजट में 862.72 करोड रूपयों का प्रावधान किया गया है. जिसके चलते अप्पर वर्धा, बोर्डीनाला, गडगा, पंढरी, पेढी बैरेज, सापन व वासनी प्रकल्प के अवशिष्ट प्रदान व भूसंपादन के काम गतिमान होंगे. साथ ही निम्न पेढी प्रकल्प के लिए भी 150 करोड रूपयों का प्रावधान किया गया है.

* बांध पुर्नस्थापना व सुधार हेतु स्वतंत्र प्रावधान
बांध पुर्नस्थापना व सुधार के लिए इस बजट में स्वतंत्र व्यवस्था है. जिसके तहत सापन प्रकल्प हेतु 14 करोड व अप्परवर्धा के लिए 9.40 करोड रूपयों का प्रावधान किया गया है. इसी तरह बाढ नियंत्रण के लिए देउरवाडा, करजगांव, शिरजगांव व ब्राह्मणवाडा थडी के कामों के लिए 75 करोड 82 लाख रूपयों का प्रावधान किया गया है.

* पांचों जिलों में प्रकल्पों के काम को मिलेगी गति
अमरावती संभाग के पांचों जिलों में सिंचाई प्रकल्पों के कामों हेतु 3 हजार 771 करोड रूपये का भारी-भरकम प्रावधान किया गया है. जिसके तहत अलग-अलग जिलों में स्थित सिंचाई प्रकल्पों के विभिन्न कामों हेतु निधी के वितरण की व्यवस्था पहले से तैयार कर दी गई है. इस अनुसार सभी प्रकल्पों के अलग-अलग कामों हेतु निधि आवंटित की जायेगी.

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