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नई संहिता के प्रावधान न्याय दिलानेवाले – सीपी

नए कानूनों पर राजापेठ थाने में पहला जनजागृति कार्यक्रम

* डॉक्टर्स को भी राहत, कोई परेशानी नहीं होगी
अमरावती/दि.2– रविवार मध्यरात्रि से समूचे देश में क्रियान्वित भारतीय न्याय संहिता और अन्य कानूनी प्रावधानों को लेकर पहला जनजागृति कार्यक्रम आज पूर्वान्ह राजापेठ थाना में हुआ. पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने नई संहिता के प्रावधानों को न्याय सहायक बताया और कहा कि, चिकित्सको को भी नई संहिता में छूट है. उन्हें किसी भी आपराधिक घटना अथवा दुर्घटना के घायलों का उपचार करना है. उन पर कोई आंच नहीं आएगी. मंच पर सीपी रेड्डी के साथ उपायुक्त गणेश शिंदे, सागर पाटिल, कल्पना बारावकर, एसीपी शिवाजी बचाटे, विधि अधिकारी परिक्षित गणोरकर, फॉरेन्सिक के उपसंचालक भांडारकर, थानेदार अंभोरे और अन्य उपस्थित थे.

* लोग असहिष्णु हुए
सीपी रेड्डी ने कहा कि, इन दिनों सभी वर्गो और आयु के लोग असहनशील इमपेशंट हो गए हैं. इससे भी अपराधों पर अंकुश नहीं लग पा रहा. उन्होंने बताया कि, मोबाइल रिकॉर्डिंग और डिजिटल इविडेंस अब मान्य है. निजी चिकित्सक किसी भी घटना, दुर्घटना के घायल का उपचार कर सकते हैं. उन पर कोई दबाव नहीं रहेगा. अब तक होता यह था कि, पुलिस जांच और कोर्ट-कचहरी से बचने के लिए निजी चिकित्सक घायल को प्रथमोपचार कर सरकारी अस्पताल रवाना कर देते. सीपी रेड्डी ने बताया कि, घटनास्थल पर फॉरेन्सिक जांच दल का आना अब अनिवार्य किया गया है.

फॉरेन्सिक लैब के उपसंचालक भांडारकर ने फॉरेन्सिक अर्थात न्याय वैद्यक जांच की बारीकियां बतलाई. उन्होंने नए संहिता के अनुसार प्रावधानों को बताया और कहा कि, घटनास्थल को अब फॉरेन्सिक टीम के सामने सील करना होगा. 24 घंटे फॉरेन्सिक मोबाइल वैन उपलब्ध रहेगी. सभी बातें कैमरे में रिकॉर्ड की जाएगी. मास्क, टोपी, ग्लब्ज आदि आवश्यक होंगे.
सरकारी वकील एड. गणोरकर ने कहा कि, सभी विभागों के लिए अब समय का बंधन आ गया है. उन्होंने यह भी कहा कि, आपूर्ति ठीक होगी तो समाज बराबर चलेगा. उन्होंने बताया कि, जांच अधिकारी हो या विधि अधिकारी के लिए समय की मर्यादा तय की गई है. इससे लोगों को पहले की तुलना में शीघ्र न्याय का लक्ष्य रखा गया है. संचालन डॉ. अजय गाडे ने किया. आभार प्रदर्शन थानेदार अंभोरे ने किया. बडी संख्या में गणमान्य उपस्थित थे.

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