पू. द्बारकेशलालजी ने प्रभु की लीलाओं को अनंत एवं सार्थक बताया
भागवत ज्ञानयज्ञ कथा का रसपान कराया
अमरावती/दि.8 – पूज्यवाद गोस्वामी श्री द्बारकेशलालजी के भागवत सप्ताह के अंतर्गत चतुर्थ स्कंद से दशम स्कंद तक कथा का रसपान रविवार को करवाया. भक्ति कैसी होनी चाहिए. इस पर प्रकाश डाला. पांचवे दिन महाराज श्री ने प्रभु की लीलाए कैसे अनंत एवं सार्थक होती है, इस पर प्रकाश डाला. कथा में पूज्यपाद गोस्वामी पुरूषोत्तमलालजी एवं पूज्यपाद गोस्वामी अनुग्रहलालजी के पावन सानिध्य में आचार्य श्री ने मनवंतर एवं सनातन संस्कृति एक काल एवं समय की गणना पर चर्चा की.
चीरहरण लीला, दामोदर लीला आदि का विवेचन किया. पूज्य अनुग्रह लालजी एवं गोस्वामी पुरूषोत्तमलाल वचनामृत का उपस्थितों ने लाभ उठाया.
पश्चात अद्यासुर वध, छाकलीला, होणुकासुर वध, नागदमन लीला इन विषयों का मर्म स्पष्ट किया. इस अवसर मधुरम प्री- स्कूल तथा वल्लभ फाउंडेशन के बच्चों ने रसिया पर नृत्य प्रस्तुत किया. इंद्रदमन लीला का दर्शन महाराजश्री ने कराया. मानीस परिक्रमा का वण भी पूज्य आचार्य श्री ने करवाया. जिसका उपस्थित भक्तों ने लाभ उठाया. भागवत कथा के दौरान वासू राजा, रेखा तन्ना, हेतल हिंडोचा, दीना चावडा, इंदू मालवीय, अनुष्ठा चावडा, लीलावती हिंडोचा, अरविंद आडतिया,कल्पना पलेजा, नीलम सांगाणी, जयश्री वेध, ज्योती वेध, जमूबेन कापडिया, उषा राठी,वीणा चांडक, कोमल जोटंगिया, लेखा टांक, दीप्ती पलेजा, पूजा पोपट, नरोत्तम सेठिया, प्रकाश वसानी, सपना मेहता, पूर्वी गगलानी, कोमल आडतिया, राधिका जाजू, सिध्दी सेठिया, अंकिता सेठिया, संगम घुले, सीमा बुब, महक मेहता आदि उपस्थित थे.