अमरावती

लोक कलाकार को प्रति माह 5 हजार रुपए निर्वाह भत्ता दिया जाए

रंगकर्मी आंदोलन समिति की मांग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – बीते डेढ वर्षों से कोरोना महामारी के चलते विविध क्षेत्रों के नाट्य कर्मियों के हाल बेहाल हुए है. अनेकों पर भुखमरी की नौबत आन पडी है. वहीं अनेक कलाकारों ने आत्महत्या की है. 80 फीसदी दिहाडी काम करने वाले नाट्य कर्मियों को राहत देने के लिए सरकार की ओर से गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते नाट्य कर्मियों को बुरे दौरा से गुजरना पडता है. नाट्य कर्मियों को प्रति माह 5 हजार रुपए निर्वाह भत्ता देने सहित अन्य मांगों को लेकर रंगकर्मी आंदोलन संगठन की ओर से जिलाधिकारी को निवेदन दिया गया.
निवेदन में मांग की गई है कि, एकल अथवा दो लोगों की मदद से सोसायटी परिसर अथवा खुली जगह पर अपनी कला प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाए, शुल्क नहीं भरने पर नाट्य कर्मियों के बच्चों को स्कूल से बाहर कर दिया गया है तत्काल संबंधित शिक्षा संस्थाओं से चर्चा कर समस्या का निराकरण किया जाए, बीते डेढ वर्ष में कोई भी काम नहीं रहने से कमाई का जरिया रुक गया है, इसलिए मकान किराया और बिजली बिल का भुगतान करने में बाधाएं आ रही है. लिहाजा उसमें सहुलियत दी जाए, कोरोना नियमावली का पालन करते हुए नाट्य कर्मियों को अपनी कला प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाए, शुटिंग जारी रहने से कलाकारों व टेक्निशियनों को लोकल में सफर करने की अनुमति दी जाए, सभी रंगकर्मियों के लिए रंगकर्मी रोजगार गारंटी योजना लागू की जाए, कोरोना की स्थिति संभलने तक सभी रंगकर्मियों को प्रति माह 5 हजार रुपए निर्वाह भत्ता दिया जाए, राज्य के कोने-कोने में रहने वाले नाट्य कर्मियों का पंजीयन हो, रंगकर्मी बोर्ड की स्थापना की जाए, सरकार की ओर से रंगकर्मियों के लिए आरक्षित रखे गए म्हाडा व सिडको के घरों की संख्या में 5 फीसदी तक वृध्दि की जाए, नप, सरकारी व जिप अस्पतालों में रंग कर्मियों के लिए आरक्षित बेड रखे जाए आदि की मांग की गई. निवेदन सौंपते समय रंगकर्मी आंदोलन के विश्वजीत काले, एड.चंद्रकांत कराले, विजय राणे, विजय पाटकर, संचित यादव, मेघा घाडगे, शीतल माने आदि उपस्थित थे.

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