अमरावती

मानवी तस्करी के खिलाफ विश्व दिवस पर जनजागृति

श्री हव्याप्र मंडल व्दारा संचालित चाईल्ड लाईन की पहल

अमरावती/ दि.3 – अब तक के शोध के अनुसार, दस में से एक बच्चा यौन शोषण का शिकार होता है. लड़कियों का अनुपात 14 प्रतिशत और लड़कों का 4 प्रतिशत है. दुनिया भर में अपहरण की घटनाएं हो रही हैं. दिन-ब-दिन ऐसी घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. बच्चों के अपहरण के कई कारण हैं. लेकिन हाल के दिनों में उनके खिलाफ शारीरिक प्रताड़ना की घटनाओं में इजाफा हुआ है. लाखों अपहृत बच्चों को अज्ञात स्थानोंपर रख कर उनका यौन शोषण किया जाता है. इस तरह की घटनाओं के विरोध में लॉस एंजिलिस, लंदन जैसे बड़े शहरों में रैलियां की गईं. इसमें हैशटैग सेव अवर चिल्ड्रन एंड चाइल्ड ट्रैफिकिंग के साथ शर्ट और प्लेकार्ड पहने कई लोगों ने भाग लिया. यह यौन शोषण, या तस्करी के शिकार लोगों को भावनात्मक समर्थन प्रदान करता है. लेकिन मौजूदा त्रासदी यह है कि गलत सूचना देकर लोगों को डिजिटल गुमराह किया जा रहा है. बहुतों को इस बात का अंदाजा नहीं है कि वे बाल यौन शोषण और मानव तस्करी को खत्म करने के लिए काम करने वालों के खिलाफ काम कर रहे हैं.
अमरावती जिले के चिखलदरा, धारणी और मेलघाट से बच्चों के अवैध परिवहन के मामले पिछड़े वर्ग, जाति, अशिक्षा, गरीबी, गरीबी, बड़े परिवार जैसे विभिन्न कारणों से हमारे संज्ञान में आए हैं. इसके लिए बाल तस्करी को रोकने और इस बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संचालन श्री. हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडलद्वारा संचालित चाइल्ड लाइन जागरूकता कार्यक्रम किया गया. इसमें मेलघाट, चिखलदरा, धारनी, श्री हनुमान व्याम प्रसारक मंडल में पढ़ने वाले छात्रों को मानव तस्करी की जानकारी दी गई. इसके बाद बच्चों को इस बात की जानकारी दी गई कि, अपना ख्याल कैसे रखा जाए, कैसे सुरक्षित रहें और कैसे किसी प्रलोभन का शिकार न बनें. साथ ही, बच्चों की तस्करी क्यों की जाती है, बच्चे मानव तस्करी का शिकार कैसे बनते हैं, शिकार होने के बाद बच्चों का कैसे शोषण होता है, इस पर एक लघु लघु फिल्म दिखाई गई.
जागरूकता कार्यक्रम को प्रमुख सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, मंडल के सचिव प्रा. डॉ. माधुरीताई चेडके ने बहुमूल्य मार्गदर्शन दिया. चाईल्ड लाईन चे संचालक प्रा. डॉ. नितीन काळे, आश्रमशाला के मुख्याध्यापक भारसाकडे, बाल कल्याण समिति की सदस्य सुचिता बर्वे, दीपाली महाजन, सारिका तेलखड़े और जिला बाल कल्याण की सीमा भाकरे का सहयोग प्राप्त किया और कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दिखाकर बच्चों का मार्गदर्शन किया. कार्यक्रम की योजना चाइल्डलाइन अमरावती समन्वयक अमित कपूर, काउंसलर सपना गजभिये, टीम सदस्य मीरा राजगुरे, पंकज शिंगारे, सरिता राउत, अजय देशमुख, शंकर वाघमारे, ऋषभ मुंडे, अभिजीत ठाकरे ने बनाई थी.

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