अमरावती

प्रशासनिक अनदेखी से जनभावनाएं हुई उग्र

मनसे शहराध्यक्ष संतोष बद्रे का पत्रवार्ता में कथन

  • मोक्षधाम में हुई तोडफोड से अपना पल्ला झाडा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३१ – स्थानीय हिंदू मोक्षधाम में नई गैस शवदाहिनी लगाये जाने के खिलाफ क्षेत्र के पार्षदों व नागरिकों द्वारा तीन बार जिलाधीश को निवेदन सौंपा गया. किंतु समय रहते प्रशासन द्वारा इसका कोई समाधान नहीं खोजा गया. ऐसे में लगातार तकलीफ झेल रहे लोगों की भावनाएं उग्र हो गयी. जिसका परिणाम बीते शुक्रवार को मोक्षधाम में हुए आंदोलन के रूप में सामने आया. किंतु इस आंदोलन के समय मोक्षधाम में हुई तोडफोड में मनसे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का कोई हाथ नहीं था. इस आशय का प्रतिपादन मनसे के महानगर प्रमुख संतोष बद्रे द्वारा यहां बुलायी गयी पत्रकार परिषद में किया गया.
इस पत्रकार परिषद में संतोष बद्रे ने कहा कि, अमरावती शहर में 14 श्मशान भूमियां है, किंतु कोविड संक्रमण काल के दौरान कोविड संक्रमण की वजह से मृत हुए सभी लोगों का अंतिम संस्कार शहर के बीचोंबीच स्थित हिंदू मोक्षधाम में ही किया गया. साथ ही इस दौरान यहां पर प्राकृतिक व अन्य वजहों के चलते मृत होनेवाले लोगों के शवों का भी अंतिम संस्कार किया जा रहा था. मोक्षधाम की क्षमता से कही अधिक अंतिम संस्कार यहां किये जा रहे थे. जिसकी वजह से पूरे परिसर में लकडी की चिताओं और गैस शवदाहिनी से निकलनेवाला धुआं और राख फैल रहे थे. ऐसे में विगत पांच माह से क्षेत्रवासियों द्वारा इसकी शिकायत प्रशासन से की जा रही थी और कोविड मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार शहर की अन्य श्मशानभूमियों में करने की मांग की जा रही थी. किंतु इन मांगों की अनदेखी करने के साथ ही प्रशासन द्वारा इसी श्मशान भूमि में तीसरी गैस शवदाहिनी लगाने का फैसला किया गया. जिसकी वजह से क्षेत्रवासियों में रोष और संताप की लहर फैल गयी और उन्होंने नई गैस शवदाहिनी लगाये जाने के खिलाफ आंदोलन किया.
संतोष बद्रे के मुताबिक विगत लंबे समय से चल रहे कोविड संक्रमण और एक के बाद एक लागू किये जाते लॉकडाउन की वजह से तमाम शहरवासी पहले ही काफी परेशान है और मोक्षधाम के आसपास स्थित परिसरों मेंं रहनेवाले लोगों को बडी संख्या में हो रहे अंतिम संस्कारों की वजह से वायु प्रदूषण का भी सामना करना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रशासन कोविड संक्रमण वाले हालात के लिए जनता को जिम्मेदार बताने के साथ ही लॉकडाउन लागू करते हुए अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहा है. ऐसे में अब लोग जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष सवाल उठाने लगे है. किंतु प्रशासन इन सवालों की अनदेखी करते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडने का प्रयास कर रहे है. इस समय पूछे गये सवाल में मनसे के महानगर अध्यक्ष संतोष बद्रे ने कहा कि, शुक्रवार को मोक्षधाम में हुई तोडफोड में मनसे का कोई पदाधिकारी या कार्यकर्ता शामिल नहीं था और वह आंदोलन पूरी तरह से संबंधित क्षेत्र के निवासियों द्वारा किया गया था.

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