जननायक भगवान बिरसा मुंडा अब भी उपेक्षित!
राज्य में आदिवासी जनजाति के 25 विधायक, कब मिलेगा न्याय?
अमरावती/दि.15 – महज 25 वर्ष की आयु में आदिवासियों के बीच क्रांति की मशाल जलाते हुए ब्रिटीश सरकार के खिलाफ संघर्ष खडा करने वाले क्रांतिवीर बिरसा मुंडा के नाम पर राज्य में एक भी योजना नहीं है. ऐसे में आज क्रांतिवीर बिरसा मुंडा की जयंती अवसर पर राज्य के आदिवासी समाज द्वारा सरकार से सवाल पूछा जा रहा है कि, आखिर आदिवासियों के जननायक को न्याय कब मिलेगा?
उल्लेखनीय है कि, भारतीय स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा का नाम अग्रक्रम पर लिया जाता है. बिरसा मुंडा का जन्म झारखंड राज्य में राची के निकट लिहतू नामक आदिवासी गांव में हुआ था. ब्रिटीश राज के दौरान जब आदिवासियों की वन संपत्ति पर रहने वाले अधिकारों पर अतिक्रमण शुरु हुआ, तो बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ काफी बडा आंदोलन खडा किया था. वहीं सन 1894 में जब बिहार राज्य में भीषण अकाल पडा और अकाल के चलते लोग भुखमरी से मरने लगे, तो बिरसा मुंडा ने ब्रिटीश सरकार द्वारा लगाए गए कृषि शुल्क को माफ करने हेतु जनांदोलन खडा किया. जिसके लिए उन्हें 2 वर्ष के कारावास की सजा हुई. जिसके बाद सन 1897 के बाद बिरसा मुंडा के नेतृत्व में आदिवासी समाज में पारंपारिक तीरकमान व भालों की सहायता से अंग्रेजों पर हमले करने शुुरु किए. जिसके चलते अंग्रेज उनके पीछे पड गए और सन 1900 में बिरसा मुंडा को ब्रिटिश सैनिकों ने डोमवाडी पहाड से गिरफ्तार किया. जहां से उन्हें राची कारागार में भेज दिया गया. जहां पर अमानवीय प्रताडनाओं के चलते बिरसा मुंडा का निधन हो गया. आदिवासी समाज द्वारा बिरसा मुंडा को भगवान का दर्जा दिया जाता है और झारखंड राज्य में बिरसा मुंडा कन्यारत्न योजना चल रही है. परंतु महाराष्ट्र में बिरसा मुंडा के नाम पर एक भी योजना नहीं है. जबकि राज्य में आज आदिवासी जनजाति से वास्ता रखने वाले 25 विधायक है. जिनके द्वारा पहल करने पर राज्य सरकार को बिरसा मुंडा के नाम पर योजना शुरु करने में बिल्कुल भी समय नहीं लगेगा. ऐसे में आदिवासी समाज व आदिवासी संगठनों द्वारा सवाल पूछा जा रहा है कि, आखिर राज्य के आदिवासी विधायकों द्वारा भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर कोई योजना शुरु करने के लिए पहल कब की जाएगी. साथ ही यह मांग भी की जा रही है कि, बिरसा मुंडा की जयंती वाले दिन सरकारी अवकाश घोषित करने के साथ ही उनकी स्मृति का अभिवादन करने विभिन्न सरकारी उपक्रम आयोजित किए जाए.