जनप्रतिनिधि को शासन प्रणाली का ज्ञान होना जरूरी
यशवंतराव चव्हाण जयंती कार्यक्रम में हर्षवर्धन देशमुख का कथन

* मातोश्री विमलाबाई देशमुख महाविद्यालय में आयोजन
अमरावती/दि.13-सरकारी प्रणाली के ज्ञान के बिना अच्छे जनप्रतिनिधि नहीं बन सकते. इसलिए समाज व राज्य के विकास में आज काफी अंतर निर्माण हो गया है. राज्य के पहले मुख्यमंत्री स्व.यशवंतराव चव्हाण ने देश के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्हें शासन प्रणाली का उत्तम ज्ञान था, इसलिए उनका हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है, इस आशय का कथन श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने किया. यशवंतराव चव्हाण सेंटर अमरावती जिला केंद्र और मातोश्री विमलाबाई देशमुख महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में स्व .यशवंतराव चव्हाण की 112 वीं जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गयाा. इस अवसर पर बतौर अध्यक्ष वे बोल रहे थे.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथी के रूप में श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के उपाध्यक्ष एड. गजाननराव पुंडकर, प्रमुख वक्ता प्रसिद्ध साहित्यिकार डॉ.सतीश तराल की उपस्थिति रही. इस अवसर पर मंच पर यशवंतराव चव्हाण सेंटर अमरावती जिला केंद्र के कार्याध्यक्ष प्राचार्य डॉ.रमेश अंधारे, कोषाध्यक्ष प्रदीप देशमुख, श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के स्वीकृत सदस्य प्राचार्य डॉ.अंबादास कुलट, प्राचार्य अमोल महल्ले, प्राचार्य डॉ.वर्षा देशमुख, प्रा.डॉ.राजेश मिरगे, कार्यक्रम की संयोजक प्राचार्य डॉ.स्मिता देशमुख आदि मान्यवर भी उपस्थित थे. स्व .यशवंतराव चव्हाण की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए यशवंतराव चव्हाण सेंटर अमरावती जिला केंद्र के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने विविध विषयों पर भाष्य किया तथा पुरानी यादें ताजा की.
कार्यक्रम की प्रस्तावना प्राचार्य डॉ. स्मिता देशमुख ने रखी. तथा संचालन प्रा.आदित्य गावंडे व आभार प्रदर्शन प्रा.ममता मस्की ने किया. कार्यक्रम के आरंभ में मान्यवरों ने यशवंतराव चव्हाण की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर अभिवादन किया. कार्यक्रम में विविध महाविद्यालय के प्राध्यापक, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे.
यशवंतराव ने सत्ता का विकेंद्रीकरण किया
कार्यक्रम दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रमुख वक्ता व साहित्यकार डॉ.सतीश तराल ने कहा कि, यशवंतराव चव्हाण ने देश में भारी योगदान दिया है. उन्हें केवल विचार ही नहीं रखे बल्कि उसे प्रत्यक्ष कृति में लाया. यशवतंराव चव्हाण एक अच्छे साहित्यकार, उत्तम वाचक, और उत्कृष्ट लेखक होने के साथ-साथ विज्ञाननिष्ठ थे.