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बेरोजगारों की गहन समस्याओं की ओर जनप्रतिधि कर रहे अनदेखी

चुनाव में सीखाएंगे सबक

* पत्र-परिषद में अजय यावले के नेतृत्व में ऐलान
अमरावती/दि.10– विगत कुछ सालों से देश में बेरोजगारी की समस्या गंभीर हो गई है. कई विद्यार्थी और उम्मीदवार नौकरी के लिए भटक रहे है. पुलिस भर्ती, रोजगार तथा बेरोजगारों की गहन समस्या की ओर किसी भी जनप्रतिनिधि या नेता द्वारा ध्यान देने की फुर्सत नहीं. आज भी करीब 61 हजार से अधिक उम्मीदवार पुलिस भर्ती की प्रतीक्षा में है. बेरोजगारों की समस्या की ओर अनदेखी करने वाले नेताओं को इस चुनाव में सबक सीखाएंगे, यह ऐलान बेरोजगार विद्यार्थी व उम्मीदवारों ने डॉ.अजय यावले के नेतृत्व में आज जिला मराठी पत्रकार संघ में ली पत्र-परिषद में किया.

अजय यावले ने कहा कि, विगत दस साल बेरोजगारी की समस्या बढी है. कोरोना काल के बाद पुलिस भर्ती की समस्या गहन हो गई है. आयुसीमा नहीं बढाई जाने से कोरोना काल में पुलिस भर्ती देने वाले उम्मीदवार पात्र नहीं हो रहे. इसलिए यदि तीन महिने में आयुसीमा बढाई गई तो करीब 61 हजार उम्मीदवारों को न्याय मिलेगा. डेढ लाख विद्यार्थी बेरोजगार है. बेरोजगारी समस्या पर एक भी नेता बोलने तैयार नहीं. जाती धर्म के नाम पर या साडी – किराणा बांटकर चुनाव नहीं जीत सकते. भाजपा सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी बढ गई है. 83 प्रतिशत बेरोजगारी बढी है. यह गंभीर समस्या है. बेरोजगारों में रोष पनप रहा है. बेरोजगारी की समस्या पर ध्यान नहीं देने वालों को इस चुनाव में सबक सीखाएंगे. जो हमारी समस्या हल करेगा उसे ही हम प्राधान्य देंगे, ऐसा यावले ने कहा.

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