लोकनिर्माण सचिव प्रशांत नवघरे का आकस्मिक निधन
होटल में भोजन करते वक्त गश खाकर गिरे
* मुलत: अमरावती शहर के थे निवासी
अमरावती/दि.23 – राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं इस समय महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग में सचिव के पद पर तैनात प्रशांत दत्तात्रय नवघरे (57) की बिती रात 8 बजे अचानक ही एलर्जी के लक्षण विकसित होने के बाद मौत हो गई. पता चला है कि, लोक निर्माण सचिव प्रशांत नवघरे जब कल रात भोजन कर रहे थे, तो वे अचानक ही गश खाकर गिर पडे. जिसके बाद उन्हें तुरंत बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. परंतु तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. उनके निधन का समाचार मिलते ही मुंबई से लेकर अमरावती शहर सहित जिले में जबर्दस्त शोक की लहर व्याप्त हो गई.
बता दें कि, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रशांत नवघरे मुलत: अमरावती शहर में विवेकानंद कालोनी के पास स्थित श्रीविकास कालोनी के निवासी थे और उनका अमरावती शहर से काफी करीबी रिश्ता रहा. प्रशांत नवघरे के पिता सिंचाई विभाग में अभियंता के तौर पर कार्यरत रहे. वहीं प्रशांत नवघरे में सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग में अभियंता के तौर पर काम करना शुरु करते हुए जुलाई 2018 से वर्ष 2021 तक अमरावती में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता के तौर पर जिम्मा संभाला. जिसके पश्चात उन्हें मुंबई मंत्रालय में लोक निर्माण विभाग के सचिव के तौर पर नियुक्ति मिली. ऐसे में वे विगत 2 वर्षों से अपने परिवार सहित मुंबई में ही रह रहे थे. जहां से उन्हें करीब 6-7 माह पश्चात सेवा निवृत्त होना था. प्रशांत नवघरे के परिवार में उनकी उच्च विद्या विभूषित पत्नी अर्चना व 2 बेटियां सारिका व वंशिका के साथ ही 2 भाई भी है. विगत रात लोक निर्माण विभाग के सचिव प्रशांत नवघरे का आकस्मिक निधन हो जाने के चलते उनके मित्र परिवार में शोक की लहर व्याप्त है.
* नागपुर में हुआ अंतिम संस्कार
नवघरे परिवार के पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आकस्मित मौत का मामला रहने के चलते आज सुबह मुंबई में प्रशांत नवघरे के शव का पोस्टमार्टम किया गया. जिसके उपरान्त शव उनके परिजनों के हवाले किया गया. इसके बाद प्रशांत नवघरे के शव को एयर एम्बुलेंस के जरिए मुंबई से नागपुर लाया गया. जहां पर उनके भाईयों का परिवार रहता है और नागपुर में ही प्रशांत नवघरे के पार्थिव पर अंतिम संस्कार किए गए. इस समय नवघरे परिवार से करीबी वास्ता रखने वाले अमरावती के कई लोगों सहित स्थानीय लोक निर्माण विभाग के कई अधिकारी भी अमरावती से नागपुर पहुंच चुके थे.