सीएस डॉ. निकम के उपन्यास ’क्रोधाग्नि‘ का प्रकाशन
स्त्री संबंधी वासना से ही जालंधर का र्हास
* साहित्यकार वसंत डहाके का प्रतिपादन
अमरावती/दि.23- अमरावती जिला अस्पताल के शल्य चिकित्सक रहे डॉ. श्याम सुंदर निकम के उपन्यास क्रोधाग्नि का प्रकासन रविवार को वरिष्ठ कवियत्री एवम राज्य साहित्य संस्कृति मंडल की सदस्या डॉ. प्रभा गणोरकर की अध्यक्षता में साहित्य सम्मलेन चंद्रपुर के अध्यक्ष वसंत आबाजी डहाके के हस्ते किया गया. इस समय नगर के अनेक मान्यवरों की उपस्थिती रही. जिनमें प्राचार्य डॉ. उध्दव जाने, लेखिका डॉ. शोभा रोकडे, दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल, दैनिक हिंदुस्थान के संपादक विलास मराठे, वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. गोविंद कासट का प्रमुख अतिथि के रुप में समावेश रहा.
साहित्यकार डहाके ने कहा कि पर स्त्री की चाह में मनुष्य का कैसे अधोपतन होता है, यह डॉ. निकम के उपन्यास में दर्शाया गया है. उन्होंने कहा कि पूराने समय में असूरों के ईष्या भाव से प्रभावित होकर अपने ही लोगों ने शत्रू की मदद की थी. जिससे भारत में विदेशी सत्ता स्थापित हुई. वर्षो तक हमें गुलामी झेलनी पडी. डॉ. निकम के उपन्यास में एक त्रिलोकपति का सत्ता का लोभ और पराई स्त्री की वासना में पतन का सुंदर विवेचन और रेखांकन किया गया है.
डॉ. शोभा रोकडे ने कहा कि उपन्यास सभी मायनों में खरा उतरा है. नैतिकता, पति-पत्नी के आदर्श रिश्ते और अपने समाज के प्रति प्रमाणिक रहने के जालंधर के गुण अच्छे है किंतु मैं ही सर्वश्रेष्ठ और स्त्री संबंधी वासना के कारण जालंधर के र्हास पर उन्होंने प्रकाश डाला. डॉ. उध्दव जाने ने ऐतिहासिक प्रमाण देते हुए जालंधर के पात्र के पहले भी समाज मन पर किस प्रकार प्रभाव होता था, इसका विवेचन किया. संपादक अनिल अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि सफल व्यक्ति पांच गुणो की कसौटी पर कसा जाता है. इसका विवेचन भी उन्होंने सुंदरता से प्रस्तुत किया. विलास मराठे ने शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि डॉ. निकम दैनिक हिंदुस्थान के नियमित स्तंभ लेखक है. उपन्यास निश्चित ही समाज हित साध्य करेंगा. डॉ. गोविंद कासट का भी समयोचित संबोधन हुआ.
डॉ. निकम ने मनोगत व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें प्राप्त धार्मिक अधिस्थान के कारण वे विश्व को जालंधर का परिचय करवाने में सफल रहें. कार्यक्रम की प्रस्तावना पंडित पंडागले ने की. उन्होंने ही अतिथि परिचय करवाया. इस समय लेखक डॉ. निकम का सृजन साहित्य संघ और संवेदना संस्था व्दारा सहपत्नी सत्कार किया गया. उसी प्रकार उपन्यास हेतु सहयोग करने वाले उध्दव शहाणे, प्रकाशक संजय महल्ले, पंडित पंडागले और ज्योतस्ना निगम का सत्कार किया गया. कुशल संचालन से प्राजक्ता राऊत ने उपस्थितों का मन जीत लिया. आभार प्रदर्शन ज्योत्सना निकम ने किया. पूर्व विधायक प्रा. साहेबराव तट्टे, डॉ. गजानन शेखापुरे, डॉ. दिलीप जाने, प्राचार्य स्मिता देशमुख, राजा जाने, मुरलीधर गावंडे, मीना गावंडे देविका खुजे, प्रा. भागवत दापुरकर, वीरेन्द्र दापुरकर, दिलीप पाटील, वा.पा. जाधव, नितिन तट्टे, गोविंद तट्टे, गिरीश घाटोले, डॉ. दिलीप पाटील, दार्हेकर और सृजन एवं संवेदना संस्थाओं के सभी सदस्य उपस्थित थे.