अमरावतीमहाराष्ट्र

समादिठ्ठी वार्षिक अंक का प्रकाशन और सांस्कृतिक कार्यक्रम वं विदाई समारोह का समापन

अमरावती/दि. 2-हाल ही में संत गाडगेबाबा विश्वविद्यालय, अमरावती के पाली एवं बौद्ध धर्म विभाग द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ. रेखा वानखड़े ने की, विशिष्ट अतिथि थीं. नितिन कोली एवं मुख्य अतिथि प्रो.डॉ. संतोष बंसोड़, प्रो. टी.बी. रामटेके, प्रो.डॉ. मेघा मून, प्रो.एस. अनोमदस्सी भंते, प्रो. सपना मेश्राम, प्रो. अनिता निरगुले, प्रो. कल्पना डोंगरे, बोर्ड ऑफ स्टडीज के अध्यक्ष प्रो. डॉ. श्रीकांत बंसोड़, उपाध्यक्ष डी.वी. रोकड़े मंच पर बैठे थे. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी संत गाडगेबाबा विश्वविद्यालय अमरावती एवं तक्षशिला महाविद्यालय अमरावती के सहयोग से ’ समादिठ्ठी वार्षिक अंक का विमोचन मंच पर विशिष्ट अतिथि द्वारा किया गया.इस अंक में विभिन्न विषयों पर 30 लेखकों के लेख एवं कविताए प्रकाशित हुई हैं.
खेहसम्मेलन कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिनमें मुख्य रूप से गायन, कविता, लेखन, प्रश्नोत्तरी, नाटक और सुट्टपथन आदि शामिल थे.प्रतियोगियों को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बैज और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर वाल्मीक डावले, परिचय सूरज मांडे और आभार प्रदर्शन अरुण कांबले द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने गाथा महामानव का यह नाटक प्रस्तुत किया. डॉ. बौद्ध धर्म संपूर्ण विश्व का उद्धार करने वाला है.विशेष अतिथि नितिन कोली ने अपने मार्गदर्शन में कही. मुख्य अतिथि मानव जीवन के लिए आवश्यक शिक्षा प्रदान करने वाले विश्वविद्यालय के पाली बौद्ध धर्म विभाग के प्रो. डॉ. संतोष बंसोड़ ने व्यक्त किये .कार्यक्रम की अध्यक्ष रेखा वानखेड़े ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पाली एवं बौद्ध धर्म के विद्यार्थी विभिन्न गतिविधियों में भाग ले रहे हैं.
अंत में द्वितीय वर्ष के सभी विद्यार्थियों को पुष्प एवं पुस्तकें भेंट कर विदाई दी गई.इनमें प्रमुख रूप से प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत बनसोड़, प्रोफेसर अशोक वानखड़े, अविनाश गोंडाने, श्रीकृष्ण लांजेवार उज्वला इंगोले, सुजाता बनसोड़, प्रज्ञा पर्वतकर, सुनंदा गवई, श्रद्धा जोशी, जया दांडगे, अमोल तांबे, प्रदीप कालबांडे , हरीश खरबडकर, मुकेश सरदार, अर्चना सुखदेवे, वैष्णवी बहादे ने कार्यक्रम में भाग लिया. कार्यक्रम की सफलता के लिए इंजीनियर उमेश शहारे, एड. महेंद्र तायडे, सलाहकार. अरुण रौराले ,अरुण रामटेके, शिव प्रधान, लक्ष्मणराव कोरे, सविता रामटेके, अनिल हिरेखन, किरण शिंदे, रूपेश वानखड़े, नीलध्वज कांबले, संगीता मंडे, कुमुद गाड़े, सिद्धार्थ गुडधे , संजय पांडे, रवींद्र अंबुलकर, निरंजन चिमुरकर, रूपाली कवितकर, निशाद वानखड़े का विशेष सहयोग मिला. कार्यक्रम का समापन स्वरुचि भोजन के स्वाद के साथ हुआ.

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