रानपिंगला अज्ञातवास व पुनर्शोध किताब का प्रकाशन
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प कार्यालय परिसर में हुआ कार्यक्रम
अमरावती प्रतिनिधि/दि.16 – सतपुडा पर्वतरोही में पाये जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के उल्लु यानी रानपिंगला की परीपूर्ण जानकारी देने वाले रानपिंगला अज्ञातवास व पुनर्शोध इस किताब का प्रकाशन मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प कार्यालय परिसर में अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एम.एस.रेड्डी के हाथों किया गया. यह किताब डॉ.जयंत वडतकर ने लिखी है. इस किताब के विमोचन अवसर पर लेखक डॉ.जयंत वडतकर, महाराष्ट्र पक्षी मित्र संस्था के प्रा.डॉ.गजानन वाघ, विभागीय वन अधिकारी मनोजकुमार खैरनार, मानद वन्यजीव रक्षक विशाल बनसोड, डॉ. श्रीकांत वर्हेकर, प्रा.डॉ.मंजुषा वाठ, पक्षी अभ्यासक किरण मोरे, सौरभ जवंजाल, मनीष ढाकुलकर, अल्केश ठाकरे, प्रफुल्ल सावरकर, शशांक नगराले आदि उपस्थित थे. प्रास्ताविक में डॉ.गजानन वाघ ने लेखक डॉ.जयंत वडतकर के किताब के विषय की भूमिका को विषद किया. इस समय एम.एस.रेड्डी ने कहा कि रानपिंगला मेलघाट में बडी संख्या में पाये जा रहे है और वे मेलघाट में सबसे ज्यादा सुरक्षित है. यह पंछी मेलघाट की शान है. इन पक्षियों को देखने के लिए देश विदेश से अभ्यासक व पर्यटक आते है. इस पक्षियों की विस्तृत जानकारी दिलाने के लिए इस पुस्तक की जरुरत थी. डॉ.जयंत वडतकर ने आज तक सतपुडा के किलो, सांपो का अद्भूत विश्व जैेसे अनेक किताबें प्रकाशित की है. कार्यक्रम का संचालन व आभार डॉ.श्रीकांत वर्हेकर ने किया.