आदिवासियों की जनगणना के आंकडे आदिवासी धर्म से प्रकाशित करें
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा राष्ट्रपति को निवेदन
अमरावती प्रतिनिधि/दि. २१ – देश की जनगणना २०२१ के लिए प्रस्तावित जनगणना प्रपत्र के धर्मकॉलम में आदिवासी धर्म के लिए नया कोड नं.७ यिा गया है. जिससे आदिवासियों की जनगणना के आंकड़े आदिवासी धर्म से प्रकाशित करने के संदर्भ में आज अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के बैनरतले जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को निवेदन भेजा गया है. निवेदन में बताया गया कि अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद आदिवासियों के विकास हेतु राष्ट्रीय स्तर के गैर राजनीतिक संस्था है. जो बीते ५० वर्षो से भी ज्यादा समय से देश के आदिवासियों से जुड़ी ज्वलंत समस्याओं को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट करती आ रही है. देश में वर्ष १८८१ से प्रत्येक १० वर्ष में जनसंख्या व इससे जुड़े विभिन्न विषयों से संबंधित क्षेत्रों में हुए विकास के आंकड़ों को जानने के लिए जनगणना कराई जाती है. २०२१ की जनगणना के लिए अधिसूचना गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष २०१९ में कर दी गई तथा हाऊस लिस्टिंग व व्यक्तिगत प्रश्नावली तैयार की गई. जिसमें कुल २९ प्रश्नों पर सूचना २०११ में एकत्रित की गई थी ओैर २०२१ में की जायेगी. १८७१ से १९४१ तक भारत की जनगणना में आदिवासियों को अन्य धर्मो जैसे की १८७१ में अन्य धर्म, १८८१ में आदिवासी, १८९१ में वन जनजाति, १९०१ में एनिमिस्ट,१९११ में एनिमिस्ट, १९२१ से अलग-अलग धर्मो में गिना गया. १९३१ में आदिवासी धर्म, १९४१ में जनजाति और १९५१ की जनगणना के बाद से आदिवासी समुदाय की अलग रूप से जनगणना न करवाना बंद कर दिया गया एवं संविधान के अनुच्छेद ३४२ (१)आदिवासी समुदायों में से अनुसूचित जनजाति में जोड़ा गया. इनकी जनगणना अनुसूचित जनजाति में करते हुए आंकड़े सरकार प्रकाशित करती आ रही है. लेकिन जो समुदाय अनुसूचित जनजाति की सूची में जुडऩे से रह गये इस कारण से सभी को जो भी अपना धर्म आदिवासी बताता है चाहे वह अनुसूचित जनजाति में है या नहीं है तो सबको आदिवासी धर्म के अंतर्गत अलग से कोड दिया जाए. आदिवासियों का सर्वांगीण विकास व उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए अलग से धर्मकोड ७ देने के लिए जनरल ऑफ इंडिया रजिस्ट्रार को निर्देशित किया जाए तथा जनगणनना की व्यक्तिगत प्रश्नावली में सम्मिलित करने के निर्देश जारी किए जाए. जिससे २०२१ की जनगणना में आदिवासी धर्म से अलग डाटा दिया जा सके. निवेदन सौंपते समय विकास वाघमारे, रावसाहब चव्हाण, नाना मुंशी कासदेकर, अंतुलाल काले, मोती कासदेकर, रामु कासदेकर मौजूद थे.