अमरावती/दि.२३ – महाराष्ट्र में विगत दो-तीन वर्षों से साग-सब्जियों की निर्यात योग्य व विषमुक्त फसल का उत्पादन करने की ओर किसानों का रूझान बढा है. साथ ही साग-सब्जियोें की फसलों को नियंत्रित वातावरण में तैयार करने हेतु कीट व रोगमुक्त बीजों व पौधों की मांग काफी बढी है. इसके मद्दनेजर राज्य सरकार ने पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्यादेवी होलकर रोपवाटिका योजना अमल में लायी है.
इस योजना के पहले चरण में प्रायोगिक तत्व पर ५०० लाभार्थियों का चयन किया जायेगा. इन लाभार्थियों में प्रमुख रूप से कृषि पदवी व पदविका धारक, महिला बचत गट, साग-सब्जी उत्पादक किसान गट तथा किसान उत्पादक कंपनियों को प्राथमिकता दी जायेगी. इस योजना की कालावधी दो वर्ष की है. योजना के पहले चरण में सर्वप्रथम ऑनलाईन आवेदन मंगाये जायेंगे. जिसके अनुसार लक्ष्यांक प्राप्त होगा और लक्ष्यांक से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर तहसील स्थिति पर लॉटरी ड्रॉ पध्दति से सूची तैयार की जायेगी. जिसके बाद तहसील स्तर से इस सूची को मंजूरी प्रदान करते हुए काम की शुरूआत की जायेगी. इस योजना में पहले ६० प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा और पौधों की बिक्री शुरू होने के बाद ४० प्रतिशत राशि की दूसरी किश्त किसान के आधार संलग्नित बैंक खाते में जमा की जायेगी. ऐसा प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है. इस योजना के तहत आवेदन करनेवाले व्यक्ति के पास खुद की ०.४० हेक्टेयर (१ एकड) कृषि भुमि रहना आवश्यक है. जहां पर रोपवाटिका बनाने हेतु पानी की स्थायी तौर पर सुविधा रहना बेहद जरूरी है. इस योजना में महिला कृषि पदवीधारकों को प्रथम, महिला बचत गुटों को द्वितीय प्राधान्य दिया जायेगा. इसके पश्चात साग-सब्जी उत्पादक तथा अल्प व अत्यल्प भूधारक किसान एवं किसान गुटों को प्राधान्य दिया जायेगा. इसके अलावा अनुसूचित जाति व जमाति को भी केंद्र सरकार के नियमानुसार योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा.
पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई होलकर रोपवाटिका योजना को निर्यातक्षम साग-सब्जी की रोपनिर्मिती वृध्दि हेतु चलाया जा रहा है. गुणवत्तापूर्ण सब्जियों के पौधों की निर्मिती को गतिमान करने तथा रोपवाटिका निर्माण करते हुए निर्यातक्षम साग-सब्जियों के उत्पादन को गति देने हेतु यह योजना किसानों के लिए बेहद लाभदायक साबित होगी. साथ ही इस योजना के चलते किसानों को कृषिपूरक व्यवसाय के अवसर उपलब्ध होंगे. इसके अलावा फसल रचना में बदलाव होकर किसानों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. अत: इस योजना हेतु अमरावती जिले से अधिकाधिक प्रस्ताव प्राप्त होने चाहिए. जिसके लिए इस योजना की जानकारी जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाकर अधिकाधिक किसानों को इस योजना से जोडने के लिए संबंधित महकमों को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये है.
– एड. यशोमति ठाकुर जिला पालकमंत्री, अमरावती.