अमरावती

पूूरा विदर्भ बाढ की चपेट में

10 लोगों की जान गई

* हर ओर जलजमाव की स्थिति
* घरों सहित खेती-किसानी का भारी नुकसान
* आम जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त
* नदी-नालों में पानी का उफान
* जगह-जगह पर लोग फंसे
अमरावती/दि.14– विगत छह दिनों से अमरावती शहर व जिले सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में आफत की बारिश हो रही है. जिससे सभी नदी-नालों में बाढ आयी हुई है तथा बाढ व बारिश की वजह से विदर्भ क्षेत्र में हर ओर जलजमाववाली स्थिति है. जिससे घरों सहित खेतों में बाढ व बारिश का पानी घूस गया है. वहीं नदी-नालों के ओवरफ्लो होने के चलते वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है. जिससे जगह-जगह पर लोग फंसे हुए है. साथ ही विगत 24 घंटों के दौरान बाढ व बारिश के चलते हुए हादसों की वजह से करीब 10 लोगों की जाने भी गई है. इस समय जहां अमरावती में तिवसा व धामणगांव रेल्वे तहसील क्षेत्र बाढ व बारिश से सर्वाधिक प्रभावित है. वहीं दूसरी ओर नागपुर संभाग में नागपुर सहित भंडारा व गोंदिया में बाढ व बारिश के चलते जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.
लगातार और संततधार चल रहे बारिश के दौर की वजह से विगत 6 दिनों से मौसम लगातार बदरीला बना हुआ है और सूर्यदेवता के दर्शन नहीं हुए. विगत माह हुई संतोषजनक बारिश के चलते खरीफ फसलों की बुआई का दौर शुरू हुआ था और किसान इस बार बेहतरीन उपज होने को लेकर काफी उम्मीदें भी लगाये बैठे थे. लेकिन विगत एक सप्ताह से हो रही बारिश की वजह से कई खेतों में जलजमावाली स्थिति बन गई है. साथ ही कई स्थानों पर खेतों की उपजाउ मिट्टी बीजों व अंकुरित फसलों के साथ बह गई है. जिससे बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. साथ ही इस समय खेती-किसानी से संबंधित सभी काम रूके पडे है. वहीं दूसरी ओर तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कई रिहायशी इलाकों में भी जलजमाववाली स्थिती है और ग्रामीण इलाकों से होेकर गुजरनेवाले नदी-नालों में बाढ आयी हुई है. जिससे आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. साथ ही कुछ स्थानों पर बाढ की वजह से हादसे भी घटित हो रहे है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मोर्शी तहसील के मायवाडी से होकर गुजरनेवाली माडू नदी में मछली पकडने गये असदपूर निवासी अशोेक लखूजी नांदने नामक 55 वर्षीय व्यक्ति बाढ के पानी में बह गया. जिसे उसके सहयोगियों ने जैसे-तैसे बचाया और अस्पताल में भरती कराया. लेकिन इस व्यक्ति की मौत हो गई. इसी तरह धारणी तहसील में दिया से उतावली के दौरान सिपना नदी के पुल से बाढ के पानी में बह गये एक युवक का शव बुधवार को मध्यप्रदेश की सीमा में बरामद हुआ. इसके अलावा पूर्वी विदर्भ के गोंदिया जिले में गत रोज दो अलग-अलग स्थानों से चार युवक बाढ के पानी में बह गये. जिनकी राहत एवं बचाव दल द्वारा सरगर्मी से तलाश की जा रही है. इसके अलावा नागपुर जिले की सावनेर तहसील अंतर्गत नांदागोमुख-छत्रापुर मार्ग पर ब्राह्ममारी नाले की बाढ में बही स्कार्पिओ में सवार 6 लोगों में से और दो लोगों के शव बरामद हो चुके है. वहीं अब तक स्कार्पिओ चालक का कहीं कोई अता-पता नहीं चल पाया है. यह हादसा बीते मंगलवार को उस समय घटित हुआ था, जब नाले के उपर से बाढ का पानी बहते रहने के बावजूद भी स्कार्पिओ चालक ने अपना वाहन लेकर पूल पार करने का दुस्साहस किया.


* लक्जरी बस फंसी बाढ में
– बाल-बाल बची 35 लोगों की जान
उधर राजूरा-चंद्रपुर महामार्ग पर एक निजी लक्जरी बस चालक द्वारा दिखाये गये दुस्साहस की वजह से 35 लोगों की जिंदगी खतरे में पड गई, जब चिंचोली नाले की पुलिया पर बाढ का पानी रहने के बावजूद भी बस चालक ने अपनी बस लेकर पुलिया पार करने का प्रयास किया. लेकिन अचानक ही पानी का प्रवाह बढ जाने की वजह से यह बस थोडा आगे बढकर बाढ के पानी में फंस गई. जिसके चलते बस में सवार 35 लोगों की जान सांसत में फंस गई. इसकी जानकारी मिलते ही वीरूर पुलिस ने तुरंत हरकत में आकर सभी यात्रियों को सकुशल बचाया. साथ ही इस दुस्साहस के लिए बस के चालक को जमकर आडे हाथ लिया गया.


* जगह-जगह चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन
अमरावती संभाग सहित नागपुर संभाग में हर ओर जलजमाव की स्थिति है. ऐसे में जगह-जगह पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाये जा रहे है. जिसके तहत बाढ के पानी से घिरे इलाकों से राहत एवं बचाव दल के सदस्यों द्वारा लोगों को रबरी बोट में बिठाकर बाढ से बाहर निकाला जा रहा है. साथ ही कुछ ग्रामीण इलाकों से बीमार लोगोें को खाट पर लिटाकर राहत एवं बचाव दल के सदस्यों द्वारा अपने कंधे पर उठाते हुए दलदली रास्ते को पार करते हुए बाहर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा रहा है.

* अंतिम संस्कार भी करना हुआ मुश्किल
लगातार हो रही बारिश और गांवों में हर ओर जमा पानी की वजह से किसी की मृत्यु होने पर उसका दाह संस्कार करना भी इन दिनों काफी मुश्किल काम हो गया है. विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों की श्मशान भूमियोें में अंतिम संस्कार हेतु कोई शेड नहीं बना होता. ऐसे में खुले आसमान के नीचे लगातार बरसते पानी में दाह संस्कार कैसे किया जाये, यह अपने आप में एक बडी समस्या है. साथ ही कई स्थानों पर श्मशान भूमियों में भी बाढ व बारिश का पानी घुसा हुआ है. ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए कोई जगह ही उपलब्ध नहीं है.


* दोनों संभागों में कई बांधों से जलनिकासी शुरू
इस समय विदर्भ क्षेत्र के सभी छोटे-बडे व मध्यम प्रकल्पों में पानी की बडे पैमाने पर आवक हो रही है. जिसके चलते कई बांधों के दरवाजों को खोलकर जलनिकासी की जा रही है. इस वजह से भी क्षेत्र के सभी नदी-नालों में बाढ की स्थिति है और किनारेवाले इलाकों में अच्छा-खासा जलजमाव देखा जा रहा है. लगातार बढते जलस्तर की वजह से जहां एक ओर नागपुर संभाग के भंडारा जिलांतर्गत स्थित गोसेखुर्द प्रकल्प के सभी 33 दरवाजों को खोलकर प्रति सेकंड 7008.48 दलघमी पानी नदी में छोडा जा रहा है. वहीं दुसरी ओर अमरावती संभाग के बडे प्रकल्प में शामिल रहनेवाले अप्पर वर्धा बांध के 7 एवं बेंबला बांध के 2 दरवाजों को खोलते हुए जलविसर्ग करना शुरू किया गया है. अप्पर वर्धा बांध से प्रति सेकंड 504 व बेंबला प्रकल्प से प्रति सेकंड 50 दलघमी पानी की निकासी हो रही है. इसके अलावा मध्यम प्रकल्पों में शामिल रहनेवाले पूर्णा के 5, सापन के 2, अधरपूस के 2 दरवाजों को खोलने के साथ-साथ घुंगशी बैरेज, सायखेडा व कोराडी प्रकल्प के सभी दरवाजों को खोल दिया गया है, ताकि बांध में बढते जलस्तर की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके.
* हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद
विगत एक सप्ताह से लगातार हो रही झमाझम बारिश और नदी-नालों में आयी बाढ की वजह से हर ओर जलजमाव की स्थिति बन गई है और खेतों में बाढ व बारिश का पानी घुस गया है. जिसकी वजह से कई स्थानों पर खेतों में जगह-जगह पर पानी भर गया है और कुछ स्थानों पर तो पानी के तेज बहाव में खेतों की उपजाउ मिट्टी बह गई है. ऐसे में किसानों द्वारा की गई खरीफ फसलों की बुआई लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गई है और बाढ व बारिश का दौर बीत जाने के बाद अधिकांश स्थानों पर किसानों को दोबारा नये सिरे से बुआई करनी पड सकती है.
* कई घरों का हुआ नुकसान, पेड भी उखडकर गिरे
विगत एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश की वजह से कई स्थानों पर कच्चे व पक्के मकानों का अंशत: व पूर्णत: नुकसान हुआ है. बारिश में लगातार भिगते रहने की वजह से कई घरों की कमजोर व कच्ची दीवारें ढहकर गिर गई. साथ ही तेज आंधी-तूफान की वजह से कच्चे मकानों के छप्पर व खपरेल क्षतिग्रस्त हुए. साथ ही साथ कई स्थानों पर बडे-बडे पेड तेज बारिश व आंधी-तूफान की वजह से धराशाही हुए है. जिससे बिजली की आपूर्ति भी बाधित हुई है. जिसे दुबारा पूर्ववत करने में काफी मुश्किलें जा रही है, क्योंकि लगातार हो रही बारिश की

 

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