अमरावती

पुष्टिमार्ग हमें ठाकुरजी में मिश्रित होने का मार्ग दिखाता है

गोस्वामी १०८ दु्रमिलकुमार के वचनामृत, भक्तिरस में डूबे श्रद्धालु

अमरावती / दि. २८– जो प्राप्त करने से हम मीठे बन जाते है, उसे मीठा कहते है. लेकिन अगर हमें वहीं मीठी चीज न लगे तो हमारे स्वाद में कुछ कमी है. इसका आभास कर लें तो यह बातें उजागर होंगी. ठाकुरजी ने महाराष्ट्र के बाद रासलीला द्वारा अपना पसीना बहाया था. जो यमुना में जा मिला. जिसके कारण इस नदी का पानी आज भी मीठा है और वह कभी भी नहीं सूखता. क्योंकि इसमें ठाकुरजी का पसीना श्रम बिंदू के रूप में मिश्रित हुआ है. उसी प्रकार पुष्ठिमार्ग भी हमें ठाकुरजी में मिश्रित होने का मार्ग दिखाता है. जो व्यक्ति इस मार्ग पर चलता है, वह जीवन में हर प्राप्ति की मिठास की अनुभूति करता है, यह वचनामृत प.पू.गोस्वामी १०८ दु्रमिलकुमार ने कहे.
स्थानीय साई नगर मार्ग पर स्थित व्यंकटेशन लॉन में रविवार को गोवर्धन हवेली सत्संग मंडल की ओर से विश्ववंदनीय अनंतश्री विभूषित पुष्टि संप्रदाचार्य वर्य वाक्पति पीठाधीश्वर गोस्वामी १०८ मथुरेश्वर महाराज के शुख मंगल आशीर्वाद से आत्मज प.पू.वल्लभकुलभूषण गोस्वामी १०८ दु्रमिलकुमार (बड़ौदा) के वचनामृत तथा प.पू.वल्लभकुलभूषण गोस्वामी १०८ प्रेरणा स्वरूप वल्लभ यूथ ऑर्गनाइजेशन अंतर्गत प्रज्ञाचक्षु (अंधजन) को सेंसर युक्त स्मार्ट स्टिक का वितरण किया गया. प. पू. गोस्वामी १०८ दु्रमिलकुमार ने आगे कहा कि, भक्ति के कई प्रकार हैं, जैसे सकाम – भक्ति, मर्यादा भक्ति, प्रेम रक्षा भक्ति यह भक्ति भकुरजी से संबंधित है.पुष्टिमार्ग में इस भक्ति रस की कई बातें दिखाई एवं सुनाई देती है. जब कोई व्यक्ति इस भक्ति के रस में डूब जाता है, तो उसके चेहरे पर इसका आभास दिखने लगता है. क्योंकि मनुष्य की चेहरा ही उसका असली और सबसे बड़ा दर्पण होता है. इसलिए लाख छिपाने का प्रयास करें, लेकिन ईश्वरीय भक्ति को ठाकुरजी की भक्ति के रस में डूबा व्यक्ति पहचान में आता है.कार्यक्रम में शास्त्रीजी ने वैष्णवों को श्रीनाथजी के विविध रूपों के साथ उनके गुणों का विस्तार से वर्णन करते हुए जानकारी दी. साथही पुष्टिमार्ग से जीवन में होनेवाले बदलाव का भी मार्ग बतलाया. कार्यक्रम की शुरुआत गोसाईं जी की प्रतिमा पूजन से की गई. इस अवसर पर पूजा वसानी, मनिषा भपतानी, उन्नति वसानी, निशा खंदेडिया, वंदना हिंडोचा, गीता हिंडोचा द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया. पश्चात प.पू.गोस्वामी १०८ द्रुमिलकुमार महादेय का गोवर्धन हवेली सत्संग मंडल की ओर से शॉल, श्रीफल व साफा पहनाकर सत्कार किया. कार्यक्रम के मध्य में आयूषी जसापरा, कोमल जसापरा, कशिश गांधी ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में श्रीमद् भागवत सप्ताह समिति नागपुर से पधारे जयप्रकाशभाई मालविया, मनोजभाई मलकान, तपन छांगाणी, प्रफुल बखारिया, मीनल भूपतानी, शीतल लखोटिया, मनीषा भूपतानी, श्वेता पारेख, भावना वस्तानी, निशा खंदेडिया, गीता हिंडोचा, उन्नति वसानी, पूजा वसानी, शैलेश पारेख, प्रफुलभाई खिमानी, आस्था हते, निशा हते, हर्षिता धानोरे, सुनंदा धानोरे, माधुरी पापडकर, आदित्य अमझरे, विदुर पापडकर, आकाश झवरे, राहुल राठोड, रमेश चरडे, अरुणा वोरा, रुपा गगलानी, निरुबेन राजकोटिया, मनुभाई जव्हेरी, तुषार श्रॉफ, अल्पा राजकोटिया, दर्शिका श्रॉफ, ममता मुंधडा, केवल वस्तानी, विधि शाह, यश धाबलिया, श्रुति धाबलिया, सायली पारेश, मयंक कटकोरिया,सायली पारेख, विनित जसापारा, प्रेरक भूपतानी, रुपा श्रॉफ, सरोज बेन जाडिया, तरुबेन तन्ना, निकिता जसापरा, चेतना जसापरा, जयेश जसापरा,जगत जसापारा, जिगर जसापारा, रजनीकांत शाह, लीना शाह, राजू पारेख, सोनल जसापरा, नीलम पच्चीगर, नेहा पच्चीगर, रेखाबेन जाडिया, लीना शाह, धीरजबेन राजकोटिया, गोपी डागा, ग्वालदास डागा, सुनीता डागा, विद्या डागा, गोवर्धननाथ हवेली सत्संग मंडल के प्रफुल्लाई खिमाणी, ब्रजेशभाई वसानी, हितेशभाई राजकोटिया, राजूभाई धानक, आशीषभाई करवा समेत बड़ी संख्या में वैष्णव उपस्थित थे.

जनवरी में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ
कार्यक्रम की प्रस्तावना मुकेशभाई श्रॉफ ने बताया कि, ऑर्गनाईजेशन द्वारा १ लाख स्मार्ट स्टिक का वितरण करने का मानस रखा है. इस श्रृंखला में वैष्णवों द्वारा १२० स्मार्ट स्टिक का वितरण करने का मानस है. वर्ष २०१४-१५ में रॉयली प्लॉट स्थित नई गोवर्धन हवेली की स्थापना की गई. यहां कईयों के मनोरथ पूर्ण हुए है. सत्संग, कीर्तन व अन्य आयोजनों के जरिये वैष्णवों को एकत्रित करने का प्रयास किया जाता है. तथा पुष्टिमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है. नागपुर से पधारे तपन छांगानी ने नागपुर के लकड़गंज कच्छी विसा ग्राउंड पर ९ से १५ जनवरी को श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ १०८ पोथी के साथ विराट महाकुंभ कलश महोत्सव का आयोजन किया है. इसकी जानकारी देते हुए सभी वैष्णवों को इस कार्यक्रम में सहभागी होने का अनुरोध किया है.

५० नेत्रहीन सदस्यों को सेंसर स्टिक का वितरण
वल्लभ यूथ ऑर्गनाईजेशन की ओर से ५० नेत्रहीन सदस्यों को सेंसर एडवान्स स्टिक का वितरण किया गया, इनमें माधुरी सातपुते, वर्षा कांबले, सुनंदा डवरे, रुपाली साखरे, शरीफा बुधिले, सत्यभामा चरडे, आशा गुप्ता, निता जगताप, सुनीता अमझरे, सुवर्णा काले, नेहा बारस्कर, संगीता वानखडे, वंदना शिंदे, वैशाली गायकवाड, मीरा शिगोंटे, मुक्ता कुरवाले, संध्या भगत, प्रशांत राऊत, किशोर भट्ट, दत्ता गोंडचोर, रुपराव थोरात, मंगेश ढोके, सुरेश ठाकुर, सहित अन्य सदस्यों का समावेश है

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