खतरनाक हो सकता है डॉक्टर की सलाह के बिना आंखों में दवाई डालना
अमरावती/दि.2- विगत कुछ दिनों से राज्य के कई जिलों में कंजेवाईटीस इंफेक्शन नामक आंखो की संक्रामक बीमारी तेजी से फैल रही है. जिसे आम बोलचाल में आंख आना कहा जा सकता है. यद्यपि इस समय जिले में इस बीमारी से पीडित व संक्रमित मरीजों का प्रमाण बेहद कम है, लेकिन फिर भी हर किसी के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. साथ ही आंखों को लेकर किसी भी तरह की परेशानी या दिक्कत होने पर तुरंत किसी कुशल नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए. कई बार लोगबाग डॉक्टर की सलाह लिये बिना ही मेडिकल स्टोर्स से आय ड्रॉप खरीदकर अपनी आंखों में डालते है, लेकिन ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है.
ऐसा करने से कुछ मरीजों को भले ही आराम मिलता हो, लेकिन ऐसा बार-बार करने से भविष्य में आंखों को लेकर अन्य समस्याएं पैदा होने की संभावना काफी अधिक रहती है. विशेष उल्लेखनीय है कि, आंखें आनेवाली बीमारी का प्रमाण छोटे बच्चों में थोडा अधिक रहता है. जिसके चलते छोटे बच्चों के नेत्र स्वास्थ्य की ओर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए.
* संसर्गजन्य है आंख आने की बीमारी
आंख आने की बीमारी संसर्गजन्य होती है. ऐसे में जिस व्यक्ति को आंख आने की बीमारी हुई है, उसके संपर्क में आनेवाले अन्य लोगों के भी इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा होता है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति या बच्चे को यह बीमारी हुई है, तो उसे कुछ दिन अन्य लोगों से दूर रखा जाना चाहिए. साथ ही इस बीमारी का संक्रमण रहते समय यात्रा करना भी टालना चाहिए और तुरंत ही डॉक्टर को दिखाकर त्वरित इलाज कराया जाना चाहिए.
* युवावस्था में ही मोतियाबिंदू होने का खतरा
आंख आने की बीमारी साधारणत: चार से पांच दिन रहती है. इस दौरान आंखों में तेज जलन होने पर कई लोग डॉक्टर के पास जाने की बजाय मेडिकल स्टोर्स आय ड्रॉप खरीदकर उसे अपनी आंखोें में डालते है. इससे भले ही तत्कालीक तौर पर कुछ फायदा मिल सकता है, लेकिन आगे चलकर आंखे खराब होने या मोतियाबिंदू होने का खतरा भी रहता है.
* क्या है बीमारी के लक्षण
कंजेवाईटिस इंफेक्शन के चलते आंखों में अचानक ही जलन शुरू हो जाती है और तेज दर्द होता है. साथ ही आंखे पूरी तरह से लाल हो जाती है और आंखों से पानी निकलता है. जिसकी वजह से पलके आपस में चिपक जाती है. इसके अलावा आंखों को रोशनी सहन नहीं होती. इस तरह के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लिया जाना चाहिए.
राज्य के कुछ जिलों में आंख आने की बीमारी तेजी से फैल रही है, लेकिन फिलहाल अमरावती जिले में ऐसा कोई मरीज नहीं पाया गया है. अमूमन ठंडी के मौसम में यह बीमारी फैलती है. अत: ये बीमारी होने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इलाज करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बिना अपनी आंखों में किसी भी तरह की दवाई का प्रयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है.
– डॉ. कुणाल वानखडे
नेत्र विशेषज्ञ, जिला सामान्य अस्पताल