बुलडाणा प्रतिनिधि/दि.२१ – शिक्षकों की समस्याओं को हल करने हेतु लगातार प्रयास करनेवाले प्रा. श्रीकांत देशपांडे को मैने बेहद करीब से देखा है. वे सभागृह में भी बडे अध्ययनपूर्ण तरीके से शिक्षकों का पक्ष रखते है. इस समय मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल महाविकास आघाडी का है. ऐसे में महाविकास आघाडी प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल कर विधान परिषद में पहुंचते हुए प्रा. श्रीकांत देशपांडे शिक्षकों की प्रलंबित समस्याओं को हल कर सकते है. इस बात की वजह से हमें पूरा विश्वास है कि, इस चुनाव में प्रा. श्रीकांत देशपांडे की जीत पूरी तरह से सुनिश्चित है. इस आशय का विश्वास राज्य के कृषिमंत्री दादाजी भुसे ने यहां बुलायी गयी पत्रकार परिषद में व्यक्त किया. अमरावती विभागीय शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में महाविकास आघाडी के उम्मीदवार प्रा. श्रीकांत देशपांडे के प्रचार हेतु कृषि मंत्री दादाजी भुसे की प्रमुख उपस्थिति में महाविकास आघाडी की बैठक २० नवंबर को बुलडाणा में आयोजीत की गई थी. इससे पहले एक पत्रकार परिषद बुलायी गयी थी. जिसमें कृषि मंत्री भुसे ने उपरोक्त विश्वास जताया. इस समय महाविकास आघाडी के प्रत्याशी प्रा. श्रीकांत देशपांडे, पंचायत राज समिती के प्रमुख विधायक डॉ. संजय रायमुलकर, बुलडाणा के विधायक संजय गायकवाड, पूर्व विधायक संतोष सांबरे, राकांपा नेता नरेश शेलके व जिप सदस्य डी. एस. लहाने सहित महाविकास आघाडी के पदाधिकारी उपस्थित थे. इस समय कृषि मंत्री भुसे ने कहा कि, कोरोना जैसे संकटकाल के समय आय के स्त्रोत कम हो गये है. बावजूद इसके राज्य के किसानों हेतु मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने १० हजार करोड रूपयों का पैकेज घोषित किया है. जिसका वितरण भी शुरू हो चुका है. कृषि पंप के संदर्भ में भी उर्जा विभाग द्वारा कई नई नीतिया तय की गई है और अतिवृष्टि प्रभावित किसानोेें की सहायता हेतु खुद उन्होंने खेतों में जाकर निरीक्षण दौरे किये है. इस समय पंचनामे का अधिकांश काम पूरा हो चुका है. बुलडाणा जिले में कृषि महाविद्यालय हेतु कुछ आपत्तियां व सुझाव सामने आये है. जिसके बारे में फिलहाल आचारसंहिता जारी रहने के चलते ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन जल्द ही इसे लेकर सकारात्मक निर्णय लिया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि, प्रा. श्रीकांत देशपांडे ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान अपने वचननामे के ८० प्रतिशत काम पूरे किये है और सातवे वेतन आयोग के मसले पर बक्षी समिती के समक्ष अभ्यासपूर्ण नियोजन करते हुए शिक्षक संवर्ग को न्याय दिलवाया है. साथ ही केंद्र की तरह जस का तस वेतन आयोग लागू करने हेतु सभी को एकजूट करते हुए सफलतापूर्वक संघर्ष किया. इस समय प्रा. श्रीकांत देशपांडे ने कहा कि, भविष्य में राज्य में एक भी शाला बिना अनुदानित न रहे. वे इसके लिए प्रयास करने के साथ ही शिक्षकों एवं सभी संवर्गों के पदों को पुरानी पेन्शन योजना नैसर्गिक न्याय पध्दति से दिलवाने हेतु प्रयास करेंगे.