अमरावती

आयटी के युग में पायथॉन लैंग्वेज महत्वपूर्ण

नकूल देशमुख का प्रतिपादन

अमरावती/ दि.24 – सूचना तकनीकी के युग में आज संगणक व इंटरनेट व्दारा सभी काम तेज गति से किए जा रहे है. शुरुआत में इंटरनेट पर वेबसाइट अप्लीकेशन तैयार करने के लिए ल++ लैंग्वेज का उपयोग होता था. किंतु आज संगणक क्षेत्र में पायथॉन लैंग्वेज तेज गति से प्रचलित हो रही है. पायथॉन लैंगवेज तेजी से वेबसाइट अथवा अप्लीेकेशन डव्हलप कर सकती है. आज के युग में पायथॉन लैंग्वेज महत्वपूर्ण है और इसे सभी ने सिखना चाहिए ऐसा प्रतिपादन बेस इलेक्ट्रिक सॉफ्ट एलएलपी के सिनियर सॉफ्टवेयर डेव्हलपर नकूल देशमुख ने व्यक्त किया. वे तक्षशीला महाविद्यालय में संगणक विभाग में आयोजित व्याख्यान में बोल रहे थे.
व्याख्यान की शुरुआत डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, स्व. दादासाहब गवई की प्रतिमा का पुष्प अर्पण कर की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. मल्लू पडवाल ने की. उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में आयटी क्षेत्र में होने वाले तकनीकी बदलाव को स्वीकार कर उसे आत्मसात करने की सलाह दी. इस अवसर पर प्रा. अमोल मोरे, प्रा. पल्लवी भोंगाडे, प्रा. पायल शिंदे, प्रा. पूजा म्हाला, प्रा. प्राची महल्ले, प्रा. पूरणसिंग राठौड, प्रा. सुमेध मनवार, प्रा. आकाश नंदाने सहित भूषण कथाने, गौरव भलावी, सौरभ गवई, अभिजीत ढगे, संकेत खंडारे, आनंद धुर्वे, रितु चोरपगार, प्राची पाटिल, अश्वजीत रौराले, श्रेयस खोब्रागडे, सुप्रिया वानखडे, आरती इंगोले, अमीत इंगले, गायत्री चव्हाण, रवीना कनाके, ओमश्वरी गेले, हर्ष ढेरे, अंजली बैस, सुफियान खान, सचिन फाले आदि विद्यार्थी उपस्थित थे.

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