अमरावतीकोरोनाविदर्भ

कोविड सेंटर में क्वारेंटाइन पुलिस कर्मचारी ने मचाया हंगामा

देर रात के वक्त निकल गया घर, स्वास्थ्य विभाग ने भी नहीं दी कोई शिकायत

प्रतिनिधि/ दि.३१
चांदुर रेलवे– शहर के शासकीय छात्रावास में बनाए गए कोविड सेंटर में क्वारेंटाइन रहने वाले एक पुलिस कर्मचारी ने रात के वक्त जमकर हंगामा मचाया और घर चला गया. यह चौकाने वाली घटना उजागर हुई. उस पुलिस कर्मचारी ने शराब का सेवन कर रखा था, ऐसी जानकारी क्वारेंटाइन सेंटर के कर्मचारी ने दी है. इतनी बडी घटना होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी तरह की शिकायत नहीं दी, ऐसी जानकारी सामने आयी है. चांदुर रेलवे पुलिस थाने में कार्यरत एक ३० वर्षीय पुरुष कर्मचारी की शनिवार को एक पुलिस कर्मचारी की कोरोना पॉजिटीव रिपोर्ट आने के कारण २६ जुलाई को पुलिस थाने के चार कर्मचारी, दो होमगार्ड व एक निजी व्यक्ति ऐसे सात लोगों को कोविड सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया था. उनके थ्रोट स्वैब लिए गए. रिपोर्ट आना बाकी है. रिपोर्ट आने तक क्वारेंटाइन सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया था, मगर चांदुर रेलवे पुलिस थाने के बख्ल क्रमांक २०९० यह ३५ वर्षीय कर्मचारी मंगलवार की रात शराब पीकर क्वारेंटाइन सेंटर गया और वहां हंगामा मचाया. मुझे घर नहीं जाने दिया तो मैं भाग जाऊंगा, ऐसा क्वारेंटाइन सेंटर के कर्मचारी को बताया, मगर रात के समय जाने नहीं दे सकते, ऐसा बताने पर भी वह रुकने को तैयार नहीं था, आखिर डॉक्टरों ने मजबूरी में उसे छोडा, ऐसी घटना होने के बाद भी तहसील स्वास्थ्य अधिकारी या कोविड सेंटर के किसी कर्मचारी ने शिकायत नहीं दी, ऐसी जानकारी मिली है. कोविड सेंटर पर शराब कहा से आयी, इसकी जांच होना जरुरी है. यहां के थानेदार ने दूसरे दिन क्वारेंटाइन सेंटर जाकर जानकारी हासिल की.

 अशोभनिय बात
तहसील स्वास्थ्य अधिकारी का मुझे फोन आया कि एक पुलिस कर्मचारीशराब पीकर घर जाने की जीद कर रहा है, नहीं छोडा तो भाग जाएगा कहता है, मजबूरी में डॉक्टरों ने उसे छोडा. एक पुलिस कर्मचारी ने क्वारेंटाइन सेंटर में हंगामा मचाया यह अशोभनिय बात है, कर्मचारी ने किये गुन्हे की रिपोर्ट ग्रामीण पुलिस अधिक्षक को भिजवायी जाएगी.
– दिपक वानखडे, थानेदार चांदुर रेलवे

 लिखित पत्र के बाद छोडा
रात ११.३० बजे एक पुलिस कर्मचारी ने कोविड सेंटर में हंगामा मचाया, ऐसी जानकारी मुझे मिलते ही मैंने थानेदार को सूचित किया. घर जाने का कहने वाले पुलिस कर्मचारी से एक लिखित पत्र लिया है, उसके बाद उसे छोडा गया, वह कर्मचारी हाई रिस्क में नहीं था. – डॉ.महेश जयस्वाल, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी

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