अमरावती

विद्यापीठ में यूजीसी निधी के निवेश पर सवालिया निशान

सीनेट सभा में सदस्यों ने उठाया आक्षेप

  • कुलगुरू के फैसले पश्चात सदस्यों की भूमिका हुई नर्म

अमरावती/दि.12 – केंद्रीय विद्यापीठ अनुदान आयोग द्वारा प्राप्त निधी को किस खाते में रखा जाये, इसका नियोजन वित्त विभाग द्वारा किया जाना अपेक्षित है. किंतु ब्याज नहीं मिलनेवाले खाते में इस रकम को रखे जाने को लेकर सीनेट सदस्यों ने प्रश्नचिन्ह उपस्थित किया. जिसके बाद कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे ने आगामी दो-तीन दिनों में इस मसले को हल करने का निर्णय लिया. जिसके पश्चात सीनेट सदस्यों का रूख कुछ नर्म हुआ.
संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की सीनेट सभा दो वर्ष पश्चात पहली बार गत रोज ऑफलाईन तरीके से ली गई. जिसके प्रारंभ में सीनेट सदस्य मनीष गवई ने कुलगुरू की नियुक्ति को लेकर अभिनंदन का प्रस्ताव रखा. जिस पर अनेक सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये. इसके बाद अनुपालन रिपोर्ट पर चर्चा जारी रहते समय संतोष ठाकरे, विवेक देशमुख व प्रवीण रघुवंशी ने युजीसी निधी का मुद्दा उपस्थित करते हुए कहा कि, यूजीसी की ओर से 4 करोड 33 लाख 75 हजार रूपये की निधी प्राप्त हुई है. किंतु इस निधी को किस खाते में रखा जाये, इसका नियोजन वित्त व लेखाधिकारी भारत कर्‍हाड द्वारा नहीं किया गया. सीनेट सदस्यों के मुताबिक वित्त व लेखा विभाग द्वारा यूजीसी की निधी को सेविंग अथवा करंट अकाउंट में रखने के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया गया. इन तमाम आक्षेपों को सुनने के बाद कुलगुरू डॉ. मालखेडे ने कहा कि, इस निधी को लेकर आगामी दो-तीन दिनों में कोई समाधानकारक निर्णय लिया जायेगा.

ऑनलाईन पेमेंट प्रणाली जल्द ही

विद्यापीठ में आगामी वर्ष तक विद्यार्थियों के लिए ऑनलाईन गेट-वे पेमेंट प्रणाली अस्तित्व में आयेगी. जिसके लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र के साथ करार हुआ है और यह प्रणाली विद्यार्थियों के लिए पूरी तरह से नि:शुल्क रहेगी. सीनेट सदस्य मनीष गवई द्वारा रखे गये प्रस्ताव पर कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे ने इस बारे में जानकारी दी. इससे पहले सीनेट सदस्य मनीष गवई ने विद्यापीठ से विद्यार्थियों के शैक्षणिक दस्तावेज गायब हो जाने की बात सदन के सामने रखी.

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