अमरावती/दि.3 – विदर्भ ट्रैवल्स की निजी लक्झरी बस के साथ हुए हादसे और बस में लगी आग के चलते 25 लोगों के जिंदा जलकर मारे जाने के चलते अब निजी लक्झरी बसों से होने वाली यात्री ढुलाई और यात्रियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग गया है. साथ ही यह तथ्य भी उजागर हुआ है कि, निजी लक्झरी बसों में यात्रियों की सुरक्षा सहित आपातकालीन व्यवस्थाओं का नितांत अभाव होता है. जिसके चलते अब यात्रियों में भी लंबी दूरी वाली आरामदायक वातानुकूलित निजी लक्झरी बसों में यात्रा करने को लेकर कुछ हद तक भय वाला माहौल है.
बता दें कि, निजी लक्झरी बसों में अग्रीम बुकिंग करते हुए यात्रा करने वाले यात्रियों को ट्रैवल्स कंपनी के मुख्य कार्यालय अथवा रास्ते में पडने वाले बुकिंग सेंटरों के जरिए टिकट जारी किए जाते है. जिनके नाम व पते की जानकारी को ट्रैवल्स कंपनी के पास होती है. इसके अलावा अन्य स्थानों से बस में सवार होने वाले और ड्रायवर कैबिन में बैठकर यात्रा करने वाले यात्रियों की जानकारी ट्रैवल्स कंपनी के पास नहीं होती. ऐसे में किसी भी तरह का कोई हादसा होने पर हादसे में मृत होने वाले व्यक्ति की पहचान अथवा शिनाख्त करना काफी मुश्किल भरा होता है.
इसके साथ ही निजी लक्झरी बसों में आपातकालीन व्यवस्था का अभाव भी एक बडी गंभीर समस्या है. बस के भीतर दो सीटों के बीच छोडी जाने वाली जगह में एक व्यक्ति भी सीधा चल सके, इतना स्थान नहीं होता. ऐसे में लक्झरी बस के मुख्य दरवाजे व आपातकालीन खिडकी तक पहुंचना यात्रियों के लिए काफी दिक्कत वाली बात होती है. इसके चलते हादसा घटित होने पर लोगबाग बस से बाहर नहीं निकल पाते और ऐसे हादसों में होने वाली मौतों का प्रमाण बढ जाता है. इसके साथ ही प्रत्येक निजी लक्झरी बस के दर्शनीय हिस्से में टूल बॉक्स व अग्निशमन यंत्र का रहना भी आवश्यक होता है. परंतु प्रत्येक अमूमन लक्झरी बसों में इन दोनों व्यवस्थाओं का अभाव पाया जाता है. साथ ही आपातकालीन खिडकी के पास खिडकी का कांच तोडने हेतु नुकीली हथौडी भी नहीं होती. ऐसे में आपातकालीन स्थिति पैदा होने पर लक्झरी बस में सवार यात्री आपातकालीन दरवाजे या मुख्य दरवाजे के पास तक सहज तरीके से नहीं पहुंच पाते. साथ ही बाहर निकलने के लिए अपनी ओर की खिडकी का कांच भी नहीं फोड पाते. कुछ ऐसा ही बुलढाणा में विदर्भ ट्रैवल्स की बस के साथ भी हुआ. जिसमें 25 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई.
इसके साथ ही यहां पर इस तथ्य की भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि, ट्रैवल्स कंपनियों की लक्झरी बसों की रफ्तार पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं रहता है. बस का चालन पर्याप्त रुप से प्रशिक्षित है अथवा नहीं. इस पर भी किसी की कोई नजर नहीं रहती, बल्कि निर्धारित समय में अपने निर्धारित गंतव्य तक पहुंंचने के उद्देश्य से ट्रैवल्स कंपनियों की निजी बसों में जबर्दस्त स्पर्धा चलती रहती है. जिसके चलते प्रत्येक लक्झरी बस का चालक अपनी बस को अधिक से अधिक रफ्तार पर भगाता है और रफ्तार की यही प्रतिस्पर्धा ही सडक हादसों को निमंत्रण देती है. ऐसे में सबसे पहले रफ्तार की अधिकतम मर्यादा को नियंत्रित करना सबसे अधिक जरुरी है.
* लक्झरी बस चालक को तीन दिन का पीसीआर
वहीं दूसरी ओर शनिवार को तडके समृद्धि महामार्ग पर लक्झरी बस के साथ घटित हुए सडक हादसे और इस हादसे में 25 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो जाने के मामले में गिरफ्तार किए गए लक्झरी बस के चालक शेख दानिश को अदालत ने तीन दिन पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश दिया है. सिंदखेड राजा पुलिस ने शनिवार को बस के चालक शेख दानिश व क्लीनर संदीप मारोती राठोड को हिरासत में लेने के साथ ही रविवार को अदालत के समक्ष पेश किया था. जिसके बाद अदालत ने शेख दानिश को 5 जुलाई तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश दिया.