अमरावती

पुराने गोदामों को लेकर उठ रहे सवाल

अन्न सुरक्षा अधिनियम के अमल पर भी परिणाम

अमरावती प्रतिनिधि/दि.24 – राज्य के लगभग 1 हजार 139 गोदामों में से 260 गोदाम उपयोग में लाने के लायक नहीं है. वहीं लगभग 250 नये गोदाम बनाने के कार्यों को होने वाली देरी और अधूरी व्यवस्था से अन्न सुरक्षा अधिनियम के अमल पर इसका परिणाम होने की संभावना निर्माण हो गई है. बीते पांच वर्षों में राज्य में गोदामों की क्षमता केवल 1.20 लाख टन तक बढी है. वहीं दूसरी ओर उपयोग के लिए अयोग्य गोदामों की संख्या 192 से 260 तक पहुंच गई है.
यहां बता दें कि राज्य में हाल की घडी में 1 हजार 139 गोदाम उपलब्ध है. जिसकी संग्रह क्षमता 7.51 लाख मेट्रीक टन है. इनमें से 1 लाख 16 हजार मेट्रीक टन क्षमता के 260 गोदाम बदहाल अवस्था में है. उपयोग के लिए अयोग्य रहने वाले गोदामों की संख्या बीते कुछ वर्षों से बढ रही है. वहीं दूसरी ओर नए गोदाम बनाने के काम पर सरकार पूरी तरह से नजर अंदाज कर रही है. यह स्पष्ट जानकारी अन्न व नागरी आपूर्ति विभाग की रिपोर्ट में सामने आयी है.
वर्ष 2009-10 में 5.89 लाख मेट्रीक टन क्षमता के 1017 गोदाम अस्तित्व में थे. इस दौरान बदहाल गोदामों की संख्या 144 पर पहुंची. 2015-16 तक 6.31 लाख मेट्रीक टन संग्रह क्षमता हुई. अब गोदामों की संख्या 1 हजार 86 तक पहुंच गई है. वहीं अब गोदामों की क्षमता थोडी बढने पर भी वह उपयोग करने अयोग्य गोदामों की संख्या भी बढ गई है. जिन जिलों में सरकारी गोदामों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, वहां पर गोदाम किराये से लिये जा रहे है और उसमें अनाज संग्रहीत किया जा रहा है. दूसरी ओर 86 हजार मेट्रीक टन क्षमता के 56 गोदाम किराया तत्व पर दिये गए है. वहीं 56 हजार मेट्रीक टन क्षमता के गोदाम किराये तत्व पर लिये गए है. राज्य सरकार ने नाबार्ड की अर्थसहायता से नये गोदाम बनाने का काम हाथ में लिया है. अब तक 190 गोदामों का कार्य पूरा हो चुका है. 38 गोदामों का निर्माण कार्य चल रहा है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत अनाज को सुरक्षित, संग्रहित रखने के लिए पर्याप्त गोदाम नहीं रहने से अनाज खराब होने के मामले सामने आ रहे है. इसपर उपाय योजना करने के लिए गोदामों की संख्या में इजाफा करना अपेक्षित है, लेकिन पांच वर्षों में केवल 53 नये गोदाम बनाये गए है. इसी दौरान 68 गोदाम उपयोग लायक नहीं है. सरकारी गोदामों की संग्रह क्षमता बढाने के लिए नये गोदामों का निर्माण का प्रारुप तैयार किया गया था. नाबार्ड के ग्रामीण विकास निधि-17 अंतर्गत प्राप्त कर्ज सहायता से नये गोदाम बनाने का काम हाथ में लिया गया. अब तक 3.67 लाख मेट्रीक टन क्षमता के 253 गोदामों के निर्माण की प्रशासकीय अनुमति दी गई है. इनमें से 190 गोदामों का काम पूरा हो चुका है.

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