प्रतिनिधि/दि.१०
अमरावती – भारत सहित संपूर्ण देश में जहां कोरोना जैसी महामारी ने हाहाकर मचा कर रखा हुआ है, वहीं दूसरी ओर चीनी वस्तुओं का भी बहिष्कार किया जा रहा है. इसी कडी में कैट ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का आहवान लोगों से किया है. भारत छोडो आंदोलन के दिन आज ९ अगस्त को कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीनी वस्तओं के बहिष्कार के आहवान को लेकर गत १० जून से देश भर में शुरु किये गए ”भारतीय सामान-हमारा अभिमान” में एक नया आयाम जोडते हुए आज देश भर के विभिन्न राज्यों के लगभग ६०० स्थानों पर ‘चीन भारत छोडो प्रोजेक्ट को बेहद मजबूती और जोर शोर से शुरु करते हुए केंद्र सरकार से भारत में चीन के बढते हुए कदमों पर हल्ला बोलने का आग्रह करते हुए कहा कि, देश के स्वाभिमान और सुरक्षा के लिए अब केंद्र सरकार को तुरंत भारत में आने वाले चीनी समान, भारत की विभिन्न कंपनियों में चीनी निवेश, चीन की अनेक डिजिटल एप, सरकारी प्रोजेक्टों में चीन की हिस्सेदारी और विभिन्न संवेदनशील निर्माण कार्यो में चीन की कंट्रक्शन मशीनरी आदि पर तुरंत प्रतिबंध लगाकर भारत में चीन की घेराबंदी करनी चाहिए.
कैट ने आज देशभर में आयोजित हुए कार्यक्रमों में व्यापारियों ने सडकों पर बैठकर विरोध धरने दिए और अपने हाथ में चीन को सीधा संदेश देने वाले प्लेकार्ड पकड कर चीनी सामान को लेकर मजबूत रुप से विरोध जताया और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग एवं चीन क झंडे को जलाकर यह संदेश दिया की भारत के लोग अब चीन की दादागिरी को और अधिक बर्दाश्त नहीं करेंगे और चीनी सामान को बहिष्कार कर ही अब दम लेंगे. गत २० वर्षो में चीन जिस प्रकार से भारत के रिटेल व्यापार पर अपना अधिपत्य जमाने की कोशिश की है, उसका पर्दाफाश करते हुए देश के लोग पूर्ण रुप से अब चीनी समानों का बहिष्कार करेंगे.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भारतीया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा आईपीएल में चीनी कंपनी वीवो क खिलाफ कैट ने जो मोर्चो खोला था उसको देखते हुए वीवों कंपनी ने स्वयं अपने आप को आईपीएल से अलग कर लिया था. लेकिन मीडिया समाचारों के अनुसार बीसीसीआई अब अमेजन जैसी कंपनियां जो अपनी नितांत गलत नीतियों के कारण भारत ही नहीं बल्कि विश्व में कुख्यात है और जिसके खिलाफ दुनिया के अनेक देशों में जांच चल रही है, ऐसी कंपनियों से आईपीएल को दूर रखा जाए. इसी प्रकार चीनी कंपनी ब्यूज को भी स्पॉन्सरशिप देना बेहद गलत होगा और अनावश्यक रुप से गंभीर विवाद को जन्म देगा. बीसीसीआई किसी भी भारतीय कंपनी को स्पांसर बनाये तो हमें कोई आपत्ति नहीं है.
भरतिया एवं खंडेलवाल ने चीन भारत छोडो अभियान का एजेंडा करते हुए कहा कि, केंद्र सरकार से चीन की चारों ओर से घेराबंदी करने का आग्रह करते हुए कहा कि, पिछले २० वर्षो से चीन जिस प्रकार एक सोची समझी राजनीति को ध्यान रखने में चीन से व्यापार करने की एक स्पष्ट नीति तय की जाए. उन्होंने कहा कि, इसकी शुरुआत करते हुए सरकार चीनी कंपनी हुवावे की ५ जी नेटवर्क को भारत में लागू करने से पहले प्रतिबंधित किया जाए, कैट के सुझाव पर सरकान ने ५९ चीनी एप को प्रतिबंधित किया है और उसी तर्ज पर लगभग ३० चीनी एप अभी भी देश में चल रही है, ऐसी सभी स्टॉर्टअप को कहा जाए की वह चीनी निवेशकों को बाहर करें. सरकार इन स्टार्टअप में भारतीय लोगों द्वारा निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किसी भी तरह के व्यापारिक एंव औद्योगिक निवेश पर सरकार की अनुमति लेने के प्रावधान को तुरंत लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि, चीन से हो रहे आयात को बारीकी से देखा जाए और जिन वस्तुओं की डंपिंग हो रही है, अथवा जो वस्तुएं गैर जरुरी आयात हो रही है उन पर या तो ड्यूटी में वृद्धी हो या उन पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई जाए. देश भर में चल रहे सरकारी निर्माणों में यह देखा जाए की किस मात्रा में चीनी कंस्ट्रक्शन मशीनरी इस्तेमाल हो रही है, यदि उनमें आईओटी डीवीसी लगा हो तो चीनी मशीनों को तुरंत इस्तेमाल होने से रोका जाए.
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि, इस प्रकार के कदमों से न केवल चीन पर भारत की निर्भरता कम होगी बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल पर वोकल एवं ‘आत्मनिर्भर भारत सही अर्थो में लागू होगा.