
अमरावती/दि.27 – खरीफ मौसम में मूंग, उड़द व सोयाबीन के खुले क्षेत्र पर अब रब्बी फसल के लिए मशक्कत शुरु की गई है. वातावरण में बढ़ती ठंड रब्बी के लिए पोषक है. जमीन की आर्द्रता के कारण इस बार रबी की करीबन 30 हजार से क्षेत्र वृद्धि होने की संभावना है. इसके लिए बीज व खाद का नियोजन कृषि विभाग व्दारा किया गया है.
इस बार रब्बी में सर्वाधिक 1,50,705 हेक्टर क्षेत्र चने का रहने वाला है. इसके लिए करीबन 56,514 क्विंटल बीजों की आवश्यकता है. बावजूद इसके 18,000 क्विंटल बीज की महाबीज व्दारा आपूर्ति की जाएगी. वहीं 45 हजार हेक्टर गेहूं का क्षेत्र रहेगा. इसके लिए 16,500 क्विंटल बीजों की आवश्यकता है. इसके अतिरिक्त 31,,500 क्विंटल गेहूं के बीज महाबीज व्दारा उपलब्ध किये जाने की जानकारी कृषि विभाग ने दी. इसके अलावा करडई 12 हेक्टर, मक्का 279 हेक्टर, तिल्ली 1 हेक्टर, अलसी 12.5 हेक्टर व अन्य फसलें पांच हेक्टर में रहने का नियोजन कृषि विभाग व्दारा किया गया है. इस बार अधिक मात्रा में बारिश होने से फसलों को नुकसान हुआ है. इस कारण अपेक्षित उत्पादन नहीं हो सका. जिसके चलते इसकी कमी पूरी करने रबी की फसल बढ़ाने की संभावना है.
रबी के लिए 93,940 मेट्रिक टन खाद का नियोजन
इस बार की रबी फसल के लिए 93,940 मे.टन खाद का नियोजन कृषि विभाग व्दारा किया गया है. इसमें 28,330 मे. टन युरिया, 12,720 मे.टन डीएपी, 6,080 मे. टन एमओपी, 21,590 मे.टन एन फसलें व 25,220 एसएसपी मे. टन खाद का समावेश है. अब तक 1,11,249 खाद का संचयन उपलब्ध हुआ व 96,680 मे. टन खाद की बिक्री होने से फिलहाल 14,561 मे. टन संचयन शेष होने की जानकारी कृषि विभाग व्दारा दी गई है.