* उत्पादन की प्रतीक्षा में रहे किसानों की आशा पर फिरेगा पानी
अमरावती/ दि.13– निसर्ग के प्रकोप के कारण जिले के किसानों के हाथ से खरीफ सत्र गया. अब लगातार कोहरा और बदरीले मौसम के कारण रबी सत्र भी खतरे में है. मौसम के बदलाव के असर के कारण फफूंदी और कीडों के प्रादुर्भाव के कारण रबी सत्र के गेहूं और चने के उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत कमी आने की संभावना कृषि विभाग द्बारा दर्शाई गई है.
जिले में 1 लाख 48 हजार 879 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बुआई हुई है. इसमें से 42855 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं तथा 1 लाख 8 हजार 519 हेक्टेयर क्षेत्र में चने की बुआई हुई है. किसान अपनी फसल अच्छी रखने के लिए अथक परिश्रम करते रहते. निसर्ग के प्रकोप से किसानों को परेशानी हो रही है. एक तरफ वातावरण के बदलाव के कारण चना और गेहूं के उत्पादन में कमी आने का खतरा है. वहीं दूसरी तरफ किसानों की मेहनत विफल साबित हो रही है. उत्पादन पर इसका परिणाम होने की चिंता किसानों में है. कोहरा और बदरीले मौसम के कारण उत्पादन घटने का भय हैं. बदलते वातावरण के कारण फसलों पर महंगी दवाई का छिडकाव करना पडता है. जिससे खर्च में बढोत्तरी हो रही है. लगातार वातावरण में बदलाव होने से फसल पर कितनी दफा महंगी दवाई का छिडकाव करना, ऐसा प्रश्न भी किसानों के सामने खडा है.
सुबह के समय कोहरा और पूरा दिन बदरीले मौसम के कारण फसलों पर फुफुस व अन्य रोग होना पोषक साबित हो रहा है. चने की फसल बढने की अवस्था में रहते कीडो का प्रादुर्भाव हो रहा है. इस कारण किसानों को नुकसान का सामना करना पड रहा है. रबी सत्र में इस वर्ष 1186 हेक्टेयर क्षेत्र में मका तथा 552 हेक्टेयर क्षेत्र ज्वारी का है. इन फसलों पर भी वातावरण के बदलाव से कीडों का प्रादुर्भाव है.
* गेहूं, चना क्षेत्र हेक्टेयर में
तहसील गेहूं चना
धारणी 5975 9760
चिखलदरा 2235 2371
अमरावती 2065 2093
भातकुली 277 5318
नांदगांव खंडेश्वर 4840 9529
चांदुर रेलवे 3743 8187
तिवसा 4228 9514
मोर्शी 1899 9172
वरूड 2416 2510
दर्यापुर 106 6931
अंजनगांवसुर्जी 713 5229
अचलपुर 3516 4945
चांदुर बाजार 1621 9296
धामणगांव रेलवे 9221 17539
कुल 42855 108519
* उत्पादन घटने की संभावना
वातावरण मेंं बदलाव के कारण गेहूं को पर्याप्त गर्मी नहीं मिली है. चने पर भी वातावरण का परिणाम हुआ है. कीडों के प्रादुर्भाव का असर इन दोनों फसलों पर हो रहा है. उत्पादन 20 से 30 प्रतिशत घटने की संभावना है.
अरूण बेेठेकर, मंडल कृषि अधिकारी, धारणी