पश्चिम विदर्भ के 7.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की रबी फसल रामभरोसे
कम बारिश के कारण जमीन में नमी का अभाव
* किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
अमरावती/दि.4– पश्चिम विदर्भ के 7.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की रबी फसल रामभरोसे दिखाई दे रही है. मानसून के आगमन को तीन सप्ताह हुआ विलंब और अगस्त में अनियमित बारिश के चलते पश्चिम विदर्भ यवतमाल छोडकर सभी जिले में औसतन से कम बारिश दर्ज की गई. जिसके कारण जमीन में नमी का अभाव रहने से रबी सीजन की फसल कैसे लें, यह सवाल खडा हो गया है. ऐसी स्थिति में रबी का 7.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र रामभरोसे ही रहने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है.
महिने भर से रबी का सत्र शुरु होने पर अब तक केवल 35,200 हेक्टेयर में बुआई हुई है. कुछ क्षेत्र में संरक्षित सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से अब बुआई की शुरुआत हो रही है. लेकिन, जमीन का पुनर्भरण नहीं होने से भूजल स्तर कम हुआ है. इसलिए कुएं का पानी सीजन तक पर्याप्त होगा या नहीं? इसकी चिंता किसानों को है. पश्चिम विदर्भ में इस बार के रबी सत्र के लिए 7 लाख 45हजार 851 औसतन क्षेत्र है. इसकी तुलना में वर्तमान स्थिति में केवल 4 प्रतिशत क्षेत्र में ही बुआई हुई है. सोयाबीन का सीजन आखरी में है. इसलिए रबी के लिए किसान जमीन की जोताई कर रहे है. किंतु जमीन में नमी का अभाव रहने से उस क्षेत्र में जिरायती चने का अंकुरण भी नहीं होने से किसानों की चिंता बढ गई है.
* रबी की जिला निहाय स्थिति
1. अमरावती जिले में 1 लाख 47 हजार 350 हेक्टेयर औसतन क्षेत्र की तुलना में वर्तमान स्थिति में 2 हजार 848 हेक्टेयर में बुआई हुई है. यवतमाल जिले में 1 लाख 60 हजार 402 हे. तुलना में 4760 हेक्टेयर में तथा अकोला में 1 लाख21 हजार 104 10,290, वाशिम 89782 4497, और बुलडाणा जिले में 2 लाख 27 हजार 213 हेक्टेयर की तुलना में 12 हजार 805 हेक्टेयर में बुआई कार्य निपटा है.
2. इस बार के रबी सीजन में सबसे अधिक 5.27 लाख हेक्टेयर में चना, 1.84 लाख हेक्टेयर में गेहूं, 17 हजार 391 हेक्टेयर में ज्वार, 14 हजार 321 हेक्टेयर में मक्का, और 834 हेक्टेयर में करडई का क्षेत्र रहने की संभावना है.
रबी की बुआई शुरु हो चुकी है. इस बार कुछ क्षेत्र की जमीन में नमी कम है. इसीलिए औसतन क्षेत्र की तुलना में बुआई का प्रतिशत कम रहने की संभावना है.
-किसनराव मुले,
विभागीय कृषि सहसंचालक