* किसानों में चिंता का माहौल
* और दो दिन बारिश का अनुमान
अमरावती/दि.17– मौसम विभाग व्दारा अमरावती जिले में 14 मार्च से बारिश होने का अनुमान जताया गया था, जो पूरी तरह से सही साबित हुआ है. इसके तहत 14 मार्च से जिले के विभिन्न हिस्सों में कम अधिक प्रमाण में बारिश हुई है. जिसकी वजह से खेतों में खडी गेहूं व चने की रबी फसलों के साथ-साथ अन्य ग्रीष्मकालीन फसलों का अशत: नुकसान हुआ है. साथ ही अगले दो दिन और भी बारिश होने का अनुमान जताए जाने के चलते फसलें पूरी तरह से हाथ से निकल जाने की चिंता किसानों में देखी जा रही है, ऐसे में जिन इलाकों में अब तक बारिश नहीं हुई है उन इलाकों के किसनों व्दारा फसलों की कटाई करने के बाद अपनी उपज की सफाई करते हुए उपज को घर पर सुरक्षित लाने की जल्दबाजी की जा रही है.
बता दें कि अमरावती शहर सहित जिले के विभिन्न इलाकों में बुधवार की शाम हल्की बूंदाबांदी हुई साथ ही गुरुवार तडके 3 बजे के आसपास से बिजली की तेज गडगडाहटों के साथ पानी बरसा. वहीं गुरुवार की शाम में भी कई इलाकों में बारिश होने के समाचार है. लगातार बने बदरीले मौसम और रुकरुकर हो रही बारिश की वजह से अधिकतम तापमान में गिरावट आई है और जिले में एक बार फिर कडाके की ठंडी महसूस की जा रही है. मौसम के अचानक ही पूरी तरह से बदल जाने के चलते फसलों का नुकसान होने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां भी देखी जा रही है.
अमरावती शहर के साथ-साथ जिले के ग्रामीण इलाकों में बेमौसम बारिश की वजह से खेती किसानी का नुकसान होने के साथ ही जनजीवन कुछ हद तक प्रभावित हुआ. विभिन्न तहसील क्षेत्रों के संवाददाताओं से मिली जानकारी के मुताबिक वरुड तहसील में गुरुवार की सुबह 6 बजे से करीब 1 घंटे तक तुफानी बारिश हुई, वहीं नांदगांव खंडेश्वर तहसील में सुबह 11 बजे रिमझिम पानी बरसा. बडनेरा व आसपास के परिसर में सुबह 5 से बारिश शुरु हुई, जो करीब 1 घंटे तक चली. चांदूर बाजार तहसील में कई स्थानों पर सुबह 5 बजे से हल्के स्तर की बारिश हुई. मोर्शी शहर व तहसील क्षेत्र में सुबह 8 बजे से बिजली की तेज गडगडाहटों के साथ पानी बरसा. धामणगांव रेलवे तहसील क्षेत्र में बेमौसम बारिश की वजह से खेती किसानी के साथ ही पककर तैयार हो चुकी फसल का काफी नुकसान हुआ.
* संतरा बागानों पर भी खतरे के बादल
ेंसंतरा उत्पादक क्षेत्र रहनेवाले मोर्शी व वरुड परिसर में पूरा दिन बदरीला मौसम बना रहा और कई स्थानों पर बेमौसम बारिश भी हुई. साथ ही इस परिसर में अब भी बारिश होने की संभावना जताई गई है. बेमौसम बारिश की वजह से रबी फसलों के साथ-साथ संतरा बागानों का भी नुकसान हुआ है और कई स्थानों पर संतरे के पेड से फल टपकर नीचे गिर गए. वहीं यदि बदरीले मौसम पर बारिश की यही स्थिति बनी रहती है तो संतरा बागानों का और भी अधिक नुकसान हो सकता है, ऐसे में संतरा उत्पादकों में चिंता की लहर देखी जा रही है.