अमरावतीमहाराष्ट्र

अमरावती-परतवाडा राज्य मार्ग पर मौत से रेसिंग

रापनि चालक की समय सूचकता से टला अनर्थ

* राज्य महामार्ग का चौपदरीकरण करना बेहद जरुरी
अमरावती /दि.24– जिले में दिन और रात के समय अमरावती-परतवाडा मार्ग पर सबसे अधिक वाहनों की आवाजाही होती है. परंतु इतना जबर्दस्त यातायात रहने के बावजूद भी यह राज्य मार्ग अब भी दो लेन वाला है. जहां पर हर कोई मानों एक-दूसरे से आगे निकलते हुए जल्द से जल्द अपने गंतव्य तक पहुंचने की फिराक में रहता है. जिसके चलते यहां पर कभी भी कोई बडा हादसा घटित होने की संभावना बनी रहती है, ऐसी स्थिति गत रोज दोपहर भी बन गई थी. लेकिन राज्य परिवहन निगम के एसटी बस चालक द्वारा दिखाई गई समय सूचकता के चलते संभावित अनर्थ टल गया और 4-5 वाहन एक-दूसरे से टकराते बच गये. ऐसे में अब यह मांग जोर पकड रही है कि, अमरावती-परतवाडा मार्ग का जल्द से जल्द चौपदरीकरण किया जाये एवं फोन लेन हाईवे बनाया जाये.

बता दें कि, अमरावती से नागपुर, आकोला, वरुड, मोर्शी, अकोट, दर्यापुर, भातकुली व चांदूर बाजार की ओर जाने वाले सभी रास्तों को फोन लेन बनाया जा चुका है. जिसकी तुलना में सबसे अधिक वाहनों की आवाजाही एवं भारी वाहनों वाला यातायात रहने वाले अमरावती-परतवाडा मार्ग को अब तक फोन लेन नहीं बनाया जा सका है. इस रास्ते के काम का सर्वेक्षण भी हो चुका है. लेकिन इस हेतु की जाने वाली वृक्ष कटाई के खिलाफ कुछ पर्यावरण प्रेमी अदालत पहुंच गये थे. हालांकि आगे चलकर अदालत में संतोषजनक जवाब दिया गया. लेकिन सरकार की उदासीन नीति के चलते यह रास्ता जगह-जगह से खराब हो गया है.

बता दें कि, अमरावती-परतवाडा-बुरडघाट अंतरराज्यिय महामार्ग हेतु लगभग 600 करोडों का खर्च अपेक्षित है, जो एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा दी गई वित्तीय सहायता के जरिए मंजूर भी हुआ था. लेकिन यह निधि कहां चली गई और मामला कहां पर अटका हुआ है. यह अब तक स्पष्ट नहीं है. विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती-परतवाडा राज्य महामार्ग पर रोजाना सैकडों वाहनों की आवाजाही होती है. लेकिन इसके बावजूद भी इस रास्ते की अवस्था इस समय काफी विकट है और लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से गुजरना पडता है. जिसके चलते कभी भी कोई सडक हादसा घटित होने की संभावना बनी रहती है.

* कई लोग जाते है चांदूर बाजार होकर
अमरावती-परतवाडा मार्ग पर वाहनों की जबर्दस्त भीडभाड तथा जगह-जगह गड्डों के जरिए इस रास्ते पर लापरवाही से चलने वाले दुपहिया व चारपहिया वाहन एवं वाहनों के बीच चलने वाली ओवरटेकिंग को देखते हुए कई लोगों ने अब अमरावती से सीधे परतवाडा जाने की बजाय वाया चांदूर बाजार वाले रास्ते का प्रयोग करना शुरु कर दिया है, ताकि सफर आसान और सुरक्षित रहे.

* आगे निकलने की जल्दबाजी में हादसे का खतरा
गुरुवार को इस रास्ते पर आष्टि गांव के निकट एक बस को ओवरटेक करने के चक्कर में चारपहिया वाहनधारकों ने एक बडे हादसे को आमंत्रण दे दिया था. परंतु बस चालक की समय सूचकता के चलते यह हादसा टल गया. बस चालक ने एक चारपहिया वाहन को बचाने हेतु अपनी बस को पूरी तरह रास्ते से नीचे उतारकर नियंत्रित कर लिया. जिसके चलते 4 से 5 फोरविलर वाहन एक-दूसरे से टकराकर चकनाचूर होने से बच गये.

* फिर बारिश, फिर गड्डे और फिर पैचिंग
इस रास्ते को एक बार फोरलेन बनाने के बाद सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग राहत की सास ले सकता है. लेकिन तब तक ‘वही बारिश, वही गड्डे और वही पैचिंग’ वाले प्रायोगिकतत्व पर रोजाना हजारों लोगों को अपनी जान मुठ्ठी में लेकर इस रास्ते से गुजरना होगा. पूर्णा नगर से वलगांव के दौरान इस बारिश के मौसम में बनने वाले गड्डे अगली बारिश के मौसम तक बने रहते है और यह हमेशा की बात हो गई है.
* आष्टी गांव के निकट रापनि बस चालक द्वारा बस को पूरी तरह रास्ते से नीचे उतार दिये जाने के चलते संभावित अनर्थ टल गया.

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