अमरावती

चंद घंटों में ग्रीन कॉरिडोर में तबदील हुआ ‘रेडिएंट अस्पताल’

किडनी और लीवर से मिला तीन लोगों को जीवनदान

* पिछले 6 वर्ष में चौथी बार ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से अवयवदान
अमरावती/दि.31– परतवाडा निवासी रमेशलाल खटवानी की पत्नी बीना खटवानी कुछ दिन से बीमार चल रही थी. उनका रेडिएंट अस्पताल में उपचार किया जा रहा था. गुरुवार की रात उनका ब्रेन डेड हो गया. ब्रेन ने काम करना बंद किया, तब डॉक्टरों व्दारा उनके परिजनों को इसकी जानकारी दी गई. स्व. बीना खटवानी के पुत्र विक्की खटवानी ने अपनी मां को जिंदा रखने अवयव दान करने की बात डॉक्टरों के सक्ष रखी. डॉक्टरों ने भी उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए रेडिएंट अस्पताल में चंद घंटो में ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर मरणोपरांत स्व. बीना खटवानी की दोनों किडनियां तथा लीवर किसी जरुरतमंद के लिए दान किया. इस तरह स्व. बीना खटवानी की किडनी और लीवर से तीन मरीजों को जीवनदान मिला है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार परतवाडा के नूरानी चौक स्थित सदर बाजार के लक्ष्मी बेबी फैशन के संचालक रमेशलाल खटवानी की पत्नी बीना खटवानी के ब्रेन की तीन नसें चोकअप होने से उनके ब्रेन ने काम करना लगभग बंद कर दिया था, जिसके कारण वह बेहोश थी. इसी हालतम में शनिवार, 24 दिसंबर को 65 वर्षीय बीना खटवानी को रेडिएंट अस्पताल में दाखिल किया गया. जांच के दौरान डॉ. सिकंदर अडवानी ने मरीज के परिजनों को उनकी हालत की जानकारी दी गई थी. ब्रेन की नसें चोकअप होने से ब्रेन अपेक्षित कार्य नहीं कर पाता. इस कारण ब्रेन डेड हो जाता है. यही स्थिति स्व. बीना खटवानी के साथ हुई. गुरुवार को अथक प्रयासों के बाद भी उनके ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया था. इस बात की जानकारी परिजनों को दिए जाने के बाद उनके बेटे विक्की खटवानी ने अपनी मां को जिंदा रखने तथा परिवार में अवयवदान का संदेश देते हुए अवयवदान की इच्छा व्यक्त की. झेडटीसीसी दल ने अवयवदान की प्रक्रिया शुक्रवार की शाम तक पूर्ण कर दोनों किडनी तथा लीवर को खटवानी परिजनों की उपस्थिति में संबंधित को सौंप दिए. अवयवदान की प्रक्रिया के दौरान नागपुर के एलेक्सिस हॉस्पीटल, सावंगी मेघे अस्पताल व वोकार्ड अस्पताल के डॉक्टरों का दल भी अमरावती में पहुंच गया. डॉ. संजय कोलते, डॉ. राजविलास नरखडे, डॉ. चैतन्य, डॉ. अमित पसारी, डॉ. साई विलास आदि ने मरीज की जांच कर स्व. बीना खटवानी के अवयव स्वीकारनें का निर्णय लिया. स्व. बीना की एक किडनी एलेक्सिस हॉस्पीटल नागपुर, एक किडनी वोकार्ड हॉस्पीटल तथा लीवर सावंगी मेघे अस्पताल को सौंपा गया.

* लगातार चौथी बार अवयव दान
डॉ. सिकंदर अडवानी ने बताया कि, रेडिएंट अस्पताल में विगत 6 वर्षो यह चौथी बार ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से अवयवदान किया है. इच्छापूर्ति कर अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अवयवदान कर किसी को जीवनदान देने में सहयोग दिया, इसके लिए आवश्यक सहयोग दिया. इस कार्य के लिए पुलिस प्रशासन का भी पूरा सहयोग प्राप्त हुआ.

* मां को जिंदा रखने की कोशिश
सव. बीना खटवानी के पुत्र विक्री खटवानी ने बताया कि, मेरी मां की हालत नाजुक थी. उस समय परिवार के सदस्य पिता रमेशलाल खटवानी, बहन ज्योति गुरननानी, दामाद प्रदीप गुरानानी, पूजा खटवानी, विजय खटवानी, जालना निवासी हितेश वासवानी, सपना वासवानी, चाचा अमर खटवानी सभी को मेरी इच्छा बतायी. उन्होंने इसका स्वागत किया व रजामंदी दी. जिसके बाद रेडिएंट अस्पताल के डॉ. सिकंदर अडवानी, परतवाडा के डॉ. दत्तात्रय गोटमारे, डॉ. मोहनीश गोटमारे, डॉ. संदीप चौधरी, डॉ. आशीष भंसाली की मदद से मां का मरणोपरांत अवयवदान किया गया. इस कार्य में सभी के मिले सहयोग हेतु मैं आभार व्यक्त करता हूं. इस इच्छा के माध्यम से खटवानी परिवार में अवयवदान को बढावा मिले, सभी लोग इस ओर प्रेरित हो, यह समाज में संदेश देने का प्रयास किया हैं.

* रात में दाखिल हुआ जेझटीसीसी का दल
डॉ. सिकंदर अडवानी ने बताया कि, स्व. बीना खटवानी के परिजनों की इच्छा का सम्मान करते हुए अस्पताल की ओर से उनके बे्रन डेड की अंतिम दो टेस्ट जो हर

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