रेडियोलॉजी ने सरल की बडे रोगों की चिकित्सा
अद्यतन तकनीक का डॉक्टर्स ने लेना चाहिए फायदा
* देश के अग्रणी डॉ.ओम टावरी का आवाहन
* राज कपूर और ओम पुरी के दिए उदाहरण
अमरावती/दि.20– 1885 में रोंगजन व्दारा शोध की गई रेडियोलॉजी चिकित्सा प्रणाली आज कहां से कहां पहुंच गई है. इसकी अद्यतन तकनीक का असाध्य रोगों को ठीक करने में बडा योगदान हो रहा है. अमरावती और क्षेत्र के चिकित्सकों को भी रेडियोलॉजी में उपलब्ध सोनोग्राफी, एमआरआई, कार्डीक एमआरआई और सीटी स्कैन, पेट स्कैन का लाभ लेकर उसका फायदा मरीजों तक पहुंचाने का आवाहन देश के प्रसिध्द रेडियोलॉजिस्ट डॉ. ओम टावरी ने किया. डॉ. टावरी पारिवारिक कार्यक्रम हेतु अमरावती पधारे. उन्होंने श्रमिक पत्रकार भवन में मीडिया से बात की. रेडियोलॉजी में आयी नई-नई तकनीक और उससे बीमारियों का पता लगाने एवं उपचार में बडी सुविधा होने का दावा डॉ. टावरी ने किया.
मेडिकल फिल्ड में खासी तरक्की
डॉ. टावरी ने बताया कि एक्सरे से लेकर आज पैट स्कैन तक बडी प्रगति इस क्षेत्र में हुई है. जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे की स्थिती से लेकर आप को पैरालिसीस अटैक, कार्डिएक अटैक की संभावना के बारे में भी थोडा समय से पूर्व अहेसास हो सकता है. उसी प्रकार उक्त टेस्ट करने के बाद उपचार में भी सुविधा हो रही है. हजारो लाखों मरीजों को इसका फायदा हुआ है. वर्टिकल ग्रोथ हुई है.
कैसे बदला क्षेत्र
1967 में शहर के डॉ. पोटोडे के साथ रेडियोलॉजी के अभ्यासक्रम को पूर्ण कर मुंबई के प्रसिध्द अस्पताल में पांच दशकों से सेवा दे रहे डॉ. ओम टावरी ने बताया कि उस समय लोग फोटोग्राफर कहकर हमारा उपहास किया करते थे. आज यही तकनीक आगे बढी है. जिसने घातक बीमारियों से पीडितों को नया जीवन दिया है. रेडियोलॉजी क्षेत्र वृहद हो गया है. आज रेडियोलॉजी में दाखिले के लिए अव्वल नंबर लाने पडते है. बडी होड विश्वव्यापी रुप से रेडियोलॉजी क्षेत्र में हो जाने का दावा राज्य असो. जीवनगौरव सम्मान से अलंकृत डॉ. टावरी ने किया.
प्रसूति से लेकर हार्टअटैक में उपयोगी
देश में पहली एमआरआई लाने वाले डॉ.टावरी ने बताया कि प्रसूति से लेकर फ्रैक्चर, लकवा, हार्टअटैक, कैंसर जैसी बीमारियों में भी एमआरआई बडी उपयोगी सिध्द हुई है. एमआरआई से स्कैन और एक्सरे की तुलना में बेहतरीन छवि शरीर के भीतरी भाग की स्पष्ट दिखाई देती है. जिससे उपचार में सरलता होती है. सटीक उपचार संभव है. अनेक को नया जीवन इससे प्राप्त हो रहा है. उन्होंने चुंबकीय धाराओं से शरीर को होने वाले संभावित नुकसान से आगाह भी किया. अधिक एमआरआई करवाने से बचने की सलाह डॉ. टावरी ने दी.
कैथेटर की जरुरत नहीं
डॉ. टावरी ने बताया कि एंजियोग्राफी के लिए कैथेटर डालकर जांच की जाती थी. पैट स्कैन में अब कैथेटर की आवश्यकता नहीं है. मीनटों का काम सेकंड़ में हो रहा है. जिसकी एक्युरेसी 98 प्रतिशत आंकी गई है. कैंसर के मरीजों के लिए भी बडा उपयोगी यह टेस्ट हो गया है. उन्होंने स्तन कैंसर के बारे में जानकारी दी. जिसके अनुसार अमेरिका में 40 साल के बाद प्रत्येक महिला को मेमोग्राफी अनिवार्य की गई है. भारत में भी महिलाओं में जागरुकता आवश्यक है. जागरुकता के अभाव में टेस्ट के लिए ही मरीज विलंब से चिकित्सक के पास पहुंचते है. जिससे उपचार में देरी हो जाती है.
राजकपूर और ओम पुरी के उदाहरण
अनेक दशको से मुंबई के अग्रणी अस्पताल में सेवा दे रहे देश के प्रसिध्द विशेषज्ञ डॉ. टावरी ने बताया कि मशहूर फिल्मकार राज कपूर को अस्थमा की शिकायत थी और उन्हें दिल्ली में अवार्ड समारोह दौरान अटैक समझ कर उपचार किया गया. ऐसे ही जाने माने एक्टर ओम पुरी को डिस्क के कारण उन्होंने एमआरआई करवाने से मनाही की थी. बावजूद इसके मुंबई से बाहर रहते ओम पुरी का अस्पताल में एमआरआई किया गया और उनकी सेहत पर बुरा असर पडा.
बढेंगे ब्रेन स्ट्रोक के मरीज
डॉ. टावरी के अनुसार आने वाले दिनों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ सकती है. हैमोस्टीसीस का भी खतरा इन दिनों बढ रहा है. उसका उपचार हो सकता है. किंतु समय सबसे महत्वपूर्ण कारक है. जितनी जल्दी उपचार होगा. मरीज के बचने की संभावना बढ जाएगी. डॉ. टावरी ने चिकित्सकों से भी आवाहन किया कि मानवीय भावना को प्रधानता देते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन किया तो आप का मरीज कदाचित शीघ्र स्वास्थ लाभ प्राप्त कर लें. पत्रकार परिषद दौरान उन्होंने प्रेजेन्टेशन दिया और अपने गुरू डॉ. मुकुंद जोशी को विशेष रुप से स्मरण किया. इस समय उनके भाई भागवत टावरी, बहन कविता देवेन्द्र मालपाणी, डॉ. शोभा पोटोडे, डॉ. पोटोडे, डॉ. गावंडे और अन्य की उपस्थिती रही.