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अमरावती रेल्वे स्टेशन पर अपंग जनता दल का रेल रोको आंदोलन

आरपीएफ जवानों ने स्टेशन के बाहर ही रोका सभी दिव्यांग आंदोलनकर्ताओं को

* आरपीएफ महिला जवान के निलंबन की मांग को लेकर आंदोनककर्ता अड़े
अमरावती/दि.16- अमरावती रेल्वे स्टेशन पर दिव्यांग राजेश कोरडे को धक्का मुक्की करने वाली आरपीएफ महिला जवान पर धारा 92 के तहत मामला दर्ज कर उसे निलंबित करने की मांग को लेकर आज दोपहर 3 बजे अमरावती रेल्वे स्टेशन पर अपंग जनता दल द्वारा रेल रोको आंदोलन किया जाना था. इस आंदोलन को देखते हुए पहले से ही आरपीएफ जवान स्टेशन परिसर में तैनात थे. आंदोलनकर्ताओं के पहुंचते ही उन्हें स्टेशन के बाहर रोक दिया गया. लेकिन सभी कार्यकर्ता अपनी मांग को लेकर अड़े रहे. इस कारण कुछ समय के लिए तनावपूर्ण वातावरण निर्माण हो गया था.
साईनगर परिसर निवासी राजेश कोरडे नामक दिव्यांग व्यक्ति 12 नवंबर को अमरावती रेल्वे स्टेशन पर अंबा एक्सप्रेस में अपने रिश्तेदार को छोड़ने गया था, तब स्टेशन पर आरपीएफ महिला जवान नेहा थोरात ने इस दिव्यांग को धक्का देकर गिरा दिया था, उस समय राजेश कोरडे के साथ उसकी मासूम बेटी भी थी. जब राजेश कोरडे रेल्वे पुलिस चौकी मेंं शिकायत करने गया, तब वहां ड्युटी पर तैनात पुलिस जवानों ने उसकी शिकायत नहीं ली और उसे बडनेरा रेल्वे पुलिस स्टेशन करने कहा. जब वह बडनेरा पहुंचा तब उसे वापस अमरावती शिकायत करने कहा गया. इस तरह रेल्वे पुलिस शिकायत लेने में टालमटोल कर संबंधित महिला पुुलिस जवान को बचाने का प्रयास करते रहने का आरोप राजेश कोरडे ने किया था और संबंधित महिला पुलिस कर्मचारी पर धारा 92 के तहत मामला दर्ज कर अपंग जनता दल के बैनरतले बुधवार को दोपहर 3 बजे अमरावती रेल्वे स्टेेशन पर रेल रोको आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. यह चेतावनी देेने के बाद बडनेरा रेल्वे पुलिस ने शिकायत दर्ज की, लेकिन किसी भी तरह का मामला दर्ज नहीं किया गया. इस कारण संतप्त हुए दिव्यांगों ने नेहा थोरात के निलंबन की मांग को लेकर आज अमरावती रेल्वे स्टेशन पर पहुंचकर आंदोलन शुरु कर दिया. इस आंदोलन को देखते हुए रेल्वे पुलिस अधिकारी व जवान पहले से ही स्टेशन के प्रवेशद्वार पर तैनात थे. अपंग जनता दल के जिलाध्यक्ष मयुर मेश्राम, सचिव राहुल वानखडे, शहराध्यक्ष अनवर शाह, उपाध्यक्ष रुस्तम शेख, प्रमोद शेबे, भातकुली तहसील अध्यक्ष अमोल इटीवाले, सादिक शाह, राजीक शाह, शेख निसार, प्रभाकर राऊत, गणेश वानखडे, मो. इलियाज, मो. राजिक, गोपाल बांमलेटकर, वनिता इंगले, शालु ठोसर, वैजंती दुधे, राजेश कोरडे, गोपाल वनवे सहित अनेक दिव्यांग आंदोलन करने स्टेशन पहुंचे, तब उन्हें पुलिस ने रोक लिया. इस समय उन दिव्यांग आंदोलनकर्ताओं ने अपने तिपहिया वाहन से प्लेटफार्म पर जाने का प्रयास किया. तब पुलिस ने उन्हें धमकाते हुए रोक लिया. लेकिन आंदोलनकर्ता प्लेटफार्म पर जाने का प्रयास कर रहे थे. इस कारण कुछ समय के लिये तनाव निर्माण हो गया. आंदोलनकर्ता लिखित रुप से संबंधित आरपीएफ महिला जवान नेहा थोरात के निलंबन की मांग का आश्वासन चाहते थे. लेकिन रेल्वे पुलिस उनकी मांग की अनदेखी कर रही थी, इस कारण इन आंदोलनकर्ताओं ने स्टेशन के बाहर ही अपनी मांग पूरी न होने तक ठिया जमा रखा था. खबर लिखे जाने तक आंदोलन जारी था.

दिव्यांग के वाहन की चाबी झपटने का प्रयास
दिव्यांग आंदोलनकर्ता रेल रोको के लिये अपने तिपहिया वाहन से प्लेटफार्म पर जाने का प्रयास कर रहे थे, तब आरपीएस पुलिस ने बाहर ही रोक लिया था. इस दौरान पुलिस ने उनके वाहन की चाबी डरा धमकाकर निकालने का भी प्रयास किया. इस कारण कुछ समय के लिये वहां तनाव निर्माण हो गया था.

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