अमरावती

रेलवे स्टेशन को लेकर रेल रोको आंदोलन की स्थिति

विधान परिषद में भी हुई रेलवे स्टेशन पर बहस

रिद्धपुर- दि. 9 रिद्धपुर रेलवे स्टेशन को लेकर अब किसी भी समय रेल रोको आंदोलन की स्थिति बनी हुई है पिछले 5 वर्षों से लगातार रिद्धपुर रेलवे स्टेशन किए जाने की मांग सांसद रामदास तडस (वर्धा )सांसद नवनीत राणा ( अमरावती) सांसद थामस चाझिकदान ( केरल) ने संसद में रेलवे मंत्री अश्विन वैष्णव से की. रेलवे मंत्री ने संबंधित अधिकारियों से जानकारी भी तलब की. बावजुद इसके अभी तक रेलवे स्टेशन का मुद्दा हल नहीं हो पाया है. जिससे श्री गोविंद प्रभु तीर्थस्थान सेवा समिति के सचिव श्री राजेंद्र वाईंदेशकर ने फिर से रेल रोको आंदोलन की बात कही है. उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक रिद्धपुर रेलवे स्टेशन की घोषणा नहीं की जाएगी आंदोलन शुरू रहेगा.
*पिछले कई वर्षों से हो रहे आंदोलन
ग्राम रिद्धपुर पर्यटन क्षेत्र की सूची में शामिल है पर्यटन का बाद दर्जा भी प्राप्त है. महानुभव पंथ की काशी के नाम से प्रसिद्ध है. प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में यात्री दर्शन हेतु रिद्धपुर पहुंचते हैं. भारतवर्ष से यहां यात्री आते जाते रहते हैं, लेकिन रेलवे स्टेशन ना होने के कारण दिल्ली, कश्मीर से आने वाले श्रद्धालुओं को चांदूर बाजार, मोर्शी, अमरावती के रेलवे स्टेशनों का सहारा लेना पड़ता है. इसी बात को लेकर श्री गोविंद प्रभु तीर्थस्थान सेवा समिति के पदाधिकारी और ग्रामवासियों ने रेल रोको आंदोलन, रास्ता रोको आंदोलन, अर्थ दफन आंदोलन किये, लेकिन अभी तक रिद्धपुर रेलवे स्टेशन पर कोई बात नहीं बनी.
*विधान परिषद में बोले उप मुख्यमंत्री फडणवीस
हाल ही में उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने विधान परिषद में भी रेलवे स्टेशन के मुद्दे को लेकर अपनी बात रखी श्री फडणवीस ने सदन में कहा कि, ग्राम वासियों ने श्रमदान से रेलवे प्लेटफार्म का काम किया है और रिद्धपुर रेलवे स्टेशन होना बहुत जरूरी है. इस पर माननीय एकनाथ खडसे ने भी अपनी सहमति जताई.

ग्राम रिद्धपुर महानुभाव पंथ का आस्था स्थल है
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय का उप केंद्र भी यहां शुरू कर दिया गया है. बहुत जल्द मराठी विद्यापीठ की भी घोषणा होने के संकेत है भारतवर्ष से यहां पर यात्रियों का तांता लगा रहता है भारत के हर क्षेत्र से यहां श्रद्धालु आते रहते हैं इन्हें रिद्धपुर पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन अमरावती, मोर्शी, चांदूर बाजार का इस्तेमाल करना पड़ता है. संसद में चार बार इसी मुद्दे पर काफी बहस भी हुई है. माननीय रेलवे मंत्री के आश्वासन के बावजूद भी यह मुद्दा खटाई में पड़ा है, लेकिन अब की बार इसी मुद्दे को लेकर रेल रोको आंदोलन की तैयारी की जा रही है.
-महंत राजेंद्र वाईनदेशकर,

सचिव श्री गोविंद प्रभु तीर्थस्थान स्थान सेवा समिति, रिद्धपुर

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