अमरावती

टिकट कन्फर्म कराने की जिम्मेदारी रेल प्रशासन की नहीं

उपभोक्ता आयोग ने खारिज की शिकायत

नागपुर दि. १– उपभोक्ता आयोगने नागपुर निवासी सिंह परिवार की शिकायत खारिज की है.अपनी शिकायत में टिकट कन्फर्म न होने पर यात्री ने रेलवे प्रशासन पर ९० हजार रुपए का दावा ठोका था. जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने हालिया आदेश में स्पष्ट किया है कि, रेल यात्री के पास अगर वेटिंग टिकट हो, तो उसे कंफर्म कराने की रेलवे की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती. टिकट कन्फर्म होने के लिए रेलवे के पास एक ऑटोमेटिक तकनीकी प्रक्रिया है. दरअसल, नागपुर निवासी शिकायर्ता ने १७ फरवरी २०१७ को रेलवे के मोतीबाग टिकट आरक्षण काउंटर से अपने परिवार के ४ सदस्यों को लिए सूरत से वर्धा के लिए टिकट बुक कराए थे. १२ अप्रैल २०१७ तक इस आरक्षण के सभी चारों टिकट वेटिंग में थे. इस बीच, यात्रा की योजना में बदलाव हुआ और दो सदस्यों का आरक्षण कैंसल कराने के लिए शिकायतकर्ता दोबारा आरक्षण काउंटर पहुंचे. उन्होंने ४ में से २ यात्रियों का टिकट रद्द करने के लिए कैंसलेशन फॉर्म जमा कराया. संबंधित काउंटर के बाबू ने सभी ४ यात्रियों के टिकट कैंसल कर दिए. ऐसे में शिकायतकर्ता को नए सिरे से आरक्षण फॉर्म भर कर दो यात्रियों के टिकट बुक कराने पडे़. वेटिंग में होने के कारण दोनों यात्रियों को बर्थ नहीं मिली. यात्रियों ने उपभोक्ता आयोग की शरण ली.

Related Articles

Back to top button