जानवरों के साथ हादसों को टालने रेल्वे ने बनाया ‘एक्शन प्लान’
पशु पालकों के खिलाफ अपराध दर्ज, नोटीस भी की गई जारी
अमरावती /दि.1– रेल्वे परिसर अथवा रेल्वे ट्रैक पर चरने हेतु जानवरोें के आ जाने के वजह से कई बार हादसे घटित होते है. जिनकी वजह से मवेशियों की जान जाने के साथ ही रेलगाडियों का भी नुकसान होता है. साथ ही रेलयात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में आ जाती है. ऐसे में रेल्वे के क्षेत्र में कोई भी जानवर न आ पाये, इस हेतु मध्य रेल्वे के भुसावल विभाग ने एक एक्शन प्लान तैयार किया है. जिसके तहत विगत एक वर्ष के दौरान 112 पशु पालकों के खिलाफ अपराधिक मामलें दर्ज किये गये है.
इस संदर्भ में उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक रेल्वे ने रेल परिसर में जंगली जानवरों के आने-आने के रास्ते खोज निकाले है. साथ ही इससे पहले जानवरों के साथ रेलगाडियों की हुई टक्करों की घटनाओं की समीक्षा करते हुए हादसा प्रवण स्थल भी तय किये गये है. रेल्वे के साथ होने वाली टक्कर में जानवरों की मौत होने के चलते पशु पालकों का नुकसान तो होता ही है. साथ ही रेल्वे की संपत्ति का भी बडे पैमाने पर नुकसान होता है. वहीं कई बार ऐसे हादसों की वजह से रेल यात्रियों की सुरक्षा खतरे में आ जाती है. जिसे ध्यान में रखते हुए जिन स्थानों पर जानवरों के साथ हादसा होने की संभावना रहती है. ऐसे 64 स्थान रेल्वे द्वारा चिन्हित किये गये है. साथ ही उन स्थानों के आसपास रहने वाले मवेशी पालकों के नाम नोटीस जारी करते हुए उन्हें स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी गई है कि, रेल्वे परिसर के भीतर व रेलपटरियों पर मवेशियों की बिल्कुल भी आमद न हो पाये.
इस अभियान के तहत अमरावती व बडनेरा रेल्वे स्टेशन परिसर एवं क्षेत्र के आसपास रहने वाले कई मवेशी पालकों को भी नोटीस जारी की गई है. इस अभियान में कुल 5 हजार 551 लोगों को ताकिद देते हुए 530 पशु पालकों को नोटीस दी गई है. साथ ही रेल्वे की जमीन पर जानवरों की चराई करने वाले लोगों के खिलाफ रेल अधिनियम की धारा 57 के तहत अपराधिक मामले भी दर्ज किये गये है. इसके अलावा ऐसी घटनाओं को टालने हेतु भुसावल विभाग ने 10 स्थानों पर सुरक्षा बाढ एवं 5 स्थानों पर सुरक्षा दीवार का निर्माण करवाया है. साथ ही कुछ स्थानों पर सीमावृद्धि का काम भी प्रस्तावित है. यह कार्रवाई रेल्वे के अभियांत्रिकी विभाग व आरपीएफ द्वारा संयुक्त रुप से किया जा रहा है.
* रेल्वे परिसर में जमीन पर अथवा रेल की पटरियों पर कचरा व खाद्य पदार्थ लाकर नहीं डालना चाहिए, ताकि कोई भी जानवर रेल्वे लाइन के पास न आये , इसके अलावा रेल्वे की जमीन अथवा रेल्वे पटरी के आसपास जानवरों को चराई हेतु नहीं छोडना चाहिए, ताकि तेज रफ्तार रेलगाडियों की चपेट में आकर मवेशियों के साथ कोई हादसा घटित न हो.
– श्रीमति इति पांडे,
मंडल रेल्वे प्रबंधक,
भुसावल विभाग, मध्य रेल्वे.