अमरावती

गेंदे पर बारिश की मार, फूल बेभाव

उत्पादकों के साथ व्यापारी भी लपेटे में

अमरावती दि.23 – प्रदेश के अनेक हिस्सों में अभी भी बारिश का दौर जारी रहने से जहां दिवाली का उत्साह थोडा कम हो गया, वहीं खेती-किसानी विशेष कर फूलोत्पादन पर भाव और विक्री का बहुत असर पडा है. हमेशा 100-150 रुपए किलो बिकने वाले गेंदे के फूल इस बार 25-30 रुपए किलो में बेचे जा रहे हैं. कुछ तो मौसम की मार है और कुछ कहीं कहीं गेंदें की बहुत ज्यादा पैदावार को भी एक वजह यहां के फूटकर व्यापारी बता रहे हैं.
* भारी आवक
गेंदें की शहर के विभिन्न भागों में अनेक दुकानें वसुबारस के दिन से ही सज गई थी. जिससे साफ था कि, इस बार गेंदें के पीले और केसरी फूलों की आवक अधिक है. दशहरा पर भी गेंदे के फूल अपेक्षाकृत सस्ते बिके थे. दिवाली पर 50 से 80 रुपए किलो की धारणा तब से थी. किंतु बडी मात्रा में आवक होने से इस बार फूलों के रेट गांव के अलावा शहर में भी काफी कम हो गये है. उत्पादन की बात तो दूर यातायात का खर्च निकलना भी मुश्किल में नजर आ रहा है.
* उत्पादक और व्यापारी चिंतित
दिवाली के सीजन पर गेंदें के फूलों से कमाई करने का मानस इस बार धरा रह गया लगता है. अमरावती में रविवार को बाजार का फेर फटका लगाने पर देहातों से भारी मात्रा में गेंदे और अन्य फूलों की आवक का नजारा रहा. जिससे कभी 100 से 150 रुपए किलो बिकने वाले फूल इस बार 25 से 30 रुपए पर आ जाने की बात एक फूटकर व्यापारी ने कहीं. फूलों का साइज भी इस बार थोडा छोटा है. जो बारिश की बहुतायत का असर होने की बात उत्पादक कर रहे हैं. गेंदें के दाम गिरने से उत्पादक के साथ इस बार व्यापारी भी चिंता में पड गये हैं.
* माला और वंदनवार से मुनाफा
गेंदें को हजारी के फूल भी कहा जाता है. दाम लुढकने से चौक और गलियों के फूल व्यापारी गेंदें की लडियां, वंदनवार और मालाएं बनाकर देने को वरियता दे रहे हैं. इससे दो पैसे की बचत होने की उनकी आशा है. लोगों को तैयार वंदनवार और लडियां मिलने से वे अपने घर प्रतिष्ठान को इन लडियों से सजाने लगे हैं.

Related Articles

Back to top button