अमरावती

बारिश का मौसम, प्रशासन अलर्ट

पुरानी सडकें-पुल और इमारतों की स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट एक पखवाडे में दें

* विभागीय आयुक्त निधि पाण्डेय के समीक्षा बैठक में निर्देश
* जिला नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे तैनात रहेंगे कर्मचारी
अमरावती/दि.1– मानसून की मौसम की शुरुआत होने जा रही है. अमरावती जिले और संभाग में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. जिलाधिकारी कार्यालय व्दारा आज से जिले के सभी तसहील स्तर पर 24 घंटे नियंत्रण कक्ष में कर्मचारी उपस्थित रहने के आदेश जारी किए है. रात के समय में भी कर्मचारी तैनात रहेंगे. 30 सितंबर तक प्रशासन बारिश के अलर्ट मोड पर रहेगा. विभागीय आयुक्त निधि पाण्डेय ने विभागीय मानसून की पूर्व तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक ली. उन्होंने पुराने रास्ते, पुल व इमारत के स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट 15 दिन के भीतर पेश करने के निर्देश जारी किए हैं.
* सभी तहसीलों में 24 घंटे नियंत्रण कक्ष शुरु
मानसून काल में नागरिकों को तत्काल सहायता प्राप्त हो, इसलिए 1 जून से जिले के सभी तहसीलों में 24 घंटे नियंत्रण कक्ष शुरु किये जा रहे हैं. जिले के 482 गांव नदी-नाले के कारण प्रभावित होने की वजह से बारिश के समय नियंत्रण कक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होगी. जिलास्तर पर निवासी उपजिलाधिकारी तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला आपत्ति प्राधिकरण के विवेक घेाडके का जिला नियंत्रण अधिकारी के रुप में चयन किया गया है. इसके अलावा महापालिका, नगर पालिका, जिला परिषद स्तर पर नियंत्रण कक्ष कार्यान्वित किये गये हैं. मानसून पूर्व तैयारी को लेकर विभागीय आयुक्त ने 31 मई को समीक्षा बैठक ली
इस दौरान विभागीय आयुक्त निधि पाण्डेय ने कहा कि, आगामी बारिश की दृष्टि से जिला प्रशासन मानसून पूर्व तैयारी अपने जिले में कर ले. राज्य शासन से प्राप्त सूचना के अनुसार पुराने रास्ते, पुल, पुरानी इमारत का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर लें. जिस जगह मरम्मत करना है, वहां मरम्मत कर लें. उसी तरह की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट 15 दिन के अंदर पेश की जाये. प्राकृतिक विपदा या बाढ की वजह से जान व आर्थिक हानि नह हो इस बात का ध्यान रखें. बारिश के मौसम में कुछ गांव का संपर्क टूट जाता है. उस दृष्टि से उंचे स्थान पर निवास और भोजन की व्यवस्था इसके साथ अनाज, दवा का भंडारण आदि सामग्री उपलब्ध कराएं. दूषित पानी के कारण बीमारी फैलने न पाये, इसके लिए जलस्त्रोत की गुणवत्ता जांचने के साथ ही जरुरी जगह पर पर्यायी व्यवस्था की जाये. बेमौसम बारिश के बाद बिजली आपूर्ति सुचारु करने के लिए महावितरण प्रभावी नियोजन करे. एसडीआरएफ इसी तरफ एनडीआरएफ के बचाव दल स्थापित कर जरुरी सामग्री से उन्हें सुसज्जित रखे. बचाव पथक को प्रशिक्षण व मॉकड्रिल भी प्रशासन आयोजित करे. ब्रिटीशकालीन तालाबों कके नियंत्रण की जिम्मेदारी जिला परिषद के जलसंधारण विभाग को सौंपी गई है. नदी किनारे रहनेवाले खतरनाक क्षेत्रों मे ब्ल्यू लाइन, रोड लाइन का सीमांकन किया जाये. बाढ प्रतिबंधित समिति गठित करे. हर पल की खबर जिला व विभागीय प्रशासन को उपलब्ध कराएं, किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए, ऐसे निर्देश भी विभागीय आयुक्त निधि पाण्डेय ने समीक्षा बैठक में दिए.

* प्रभावित होने वाले गांवों के लिए नियोजन करें
बरसात के मौसम में बाढ से प्रभावित होने वाले गांव के लिए स्थायी तौर पर उपाय योजना चलाई जाए, प्रभावित गांव व बहुल गांव में तेजी से सहायता पहुंचाने की दृष्टि से प्रभावी नियोजन किया जाए. पुरानी सडके, पुल इमारत का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर रिपोर्ट एक पखवाडे के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश विभागीय आयुक्त निधि पाण्डेय ने दिए है. विभागीय आयुक्त कार्यालय में मानसून पूर्व बैठक विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में ली गई. इस मौके पर विशेष पुलिस महानिरीक्षक जयंत नाईकनवरे, उपायुक्त संजय पवार, पांचों जिले के जिलाधिकारी, जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व विभिन्न विभाग के अधिकारी बैठक में मौजूद थे.

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