अमरावती

राज इन्फ्राटेक ने भ्रष्टाचार के मामले को झाडा पल्ला

सरपंच व सचिव ने कंपनी को ही बताया दोषी

  • पुलिस द्वारा मामले की हो रही सघन जांच

अमरावती/दि.19 – धारणी तहसील की 6 ग्रामपंचायतों के सरपंच व सचिव के डिजीटल हस्ताक्षरों का दुरूपयोग करते हुए 15 वे वित्त आयोग की 87 लाख रूपये की निधी का अपहार करने का आरोप रहनेवाली राज इन्फ्राटेक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अब इस मामले को अपने हाथ झटकने शुरू कर दिये है. किंतु इस कंपनी के साथ ग्राम पंचायत का व्यवहार था. अत: कंपनी के किसी एक कर्मचारी पर इसकी जिम्मेदारी झटकते हुए कंपनी के सीईओ खुद को अलग करने का प्रयास नहीं कर सकते, ऐसा फ्रेजरपुरा पुलिस का कहना है. ऐसे में अब राज इन्फ्राटेक के सीईओ अनिल खडसे को पुलिस ने अपने राडार पर लिया है.
87 लाख रूपये के इस पुरे व्यवहार को लेकर सभी तरह की गडबडियां पूर्व कार्यालय अधीक्षक सिध्दार्थ मनोहरे द्वारा की गई है. जिसके खिलाफ खुद मैने 15 फरवरी को पुलिस आयुक्त तथा 13 फरवरी को फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. साथ ही 7 फरवरी को श्यामनगर स्थित कंपनी कार्यालय से 80 हजार रूपये नकद सहित सरपंच व सचिव के डीएससी चोरी हो जाने की शिकायत भी दर्ज करायी थी. ऐसा राज इन्फ्राटेक के सीईओ अनिल खडसे का कहना है. वहीं पुलिस का मानना है कि, संबंधित सरपंच व सचिव द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत में अनिल खडसे का नाम है. ऐसे में इससे बचने हेतु संभवत: अनिल खडसे ने यह शिकायत दर्ज करायी है. जिसके चलते अब पुलिस इस पुरे मामले को लेकर सघनता से जांच कर रही है. साथ ही पुलिस का यह भी मानना है कि, कोई भी कंपनी मालिक अपने किसी पूर्व कर्मचारी पर पूरा मामला झटककर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता.

चोरी की शिकायत उसी दिन क्यों नहीं

9 फरवरी को सुबह कार्यालय में आने के बाद सिध्दार्थ मनोहरे द्वारा नकद रकम, डीएससी व महत्वपूर्ण दस्तावेज चुरा लिये गये, ऐसा खडसे का कहना है. तो खडसे ने इसकी शिकायत 13 फरवरी तक क्यों दर्ज नहीं करायी. यह इस समय सबसे बडा सवाल है. 13 फरवरी को ठाकरमल के सचिव कार्यालय में आने के बाद डीएससी व नकद रकम चोरी जाने की बात खडसे द्वारा कही गई. जिसे पुलिस द्वारा संदेह की नजर से देखा जा रहा है.

  • संबंधित कंपनी के सीईओ द्वारा ग्राम पंचायत के साथ आर्थिक जालसाजी किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है. इस संदर्भ में जिला परिषद से भी रिपोर्ट मांगी गई है. धारणी में रेंज नहीं रहने की वजह से डीएससी अपने पास रखने की बात अनिल खडसे द्वारा कही गई थी. जिसका बाद में दुरूपयोग किया गया, ऐसा दर्ज शिकायत में कहा गया है. ऐसे में कंपनी सीईओ अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड सकता.
    – नितीन मगर
    पुलिस निरीक्षक, फ्रेजरपुरा

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