अमरावती/दि.२८ – राज्य के बगैर अनुदानित स्कूल के अलावा मराठी स्कूलों की सुरक्षा के लिए राज्यभर में विविध आंदोलनोें के माध्यम से अग्रसर रहने वाले शिक्षक नेता संगीता शिंदे ने अब मराठी स्कूलों को बचाने के लिए संघर्ष शुुरु किया है. हाल ही में संगीता शिंदे ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की. इस समय राज्य की मराठी स्कूलों में कमजोर होती जा रही अवस्था को दूर कर उनका कायाकल्प करने के उद्देश्य तथा मराठी स्कूलों को बचाने के लिए राज ठाकरे के साथ चर्चा भी की. जिसके चलते मराठी स्कूलों को बचाने के लिए राज ठाकरे ने कदम बढाने की तैयारी दिखायी है.
यहां बता देंं कि राज्य के बगैर अनुदानित, आंशिक अनुदानित व अनुदानित स्कूलोें को लेकर राज्य सरकार के उदासीन नीतियो को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ संगीता शिंदे ने उनके मुंबई स्थित निवास पर जाकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि मराठी स्कूल के कर्मचारियों पर लगातार अन्याय हो रहा है. इस अन्याय से मराठी स्कूल ही नहीं बल्कि बहुजनों के शिक्षा के मौलिक अधिकार छिन कर निवेशकों को देने का षडयंत्र रचा जा रहा है. इसलिए मराठी स्कूल, शिक्षक के अलावा आने वाली पीढी के लिए यह काफी खतरनाक है. संगीता शिंदे ने १ नवंबर २००५ से पूर्व शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने, बगैर अनुदानित के अलावा आंशिक अनुदानित स्कूलों को १ अप्रैल २०१९ से अनुदान लागू किया जाए.
राज्य के अघोषित स्कूलों के अलावा तुकडियों का विविध कार्यालयों में लंबित प्रस्ताव का तत्काल निराकरण करें. १ नवंबर २००५ के बाद नियुक्त कर्मचारियों लागू किए जाए. नई पेंशन योजना में कोई भी भविष्य नहीं रहने से इन कर्मचारियो को पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए. आदि मांगो को लेकर राज ठाकरे से चर्चा की गई. इस समय मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मराठी स्कूलों को बचाने के लिए मनसे व शिक्षक संघर्ष संगठन एकजुट होकर प्रयास करेगी यह आश्वासन दिया.