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राजापेठ आरओबी पर फिर कडा बंदोबस्त

किसी भी स्थिति से निपटने पुलिस व प्रशासन हैं तैयार

अमरावती/दि.15– विगत कुछ दिनों से राजापेठ रेलवे ओवर ब्रिज लगातार राजनीतिक अखाडा बना हुआ है. जिसके तहत जहां एक ओर खुद को शिवप्रेमी बताते हुए युवा स्वाभिमान पार्टी के नेता व पदाधिकारी राजापेठ रेलवे ओवरब्रिज पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने की जिद लेकर अडे हुए है, वहीं दूसरी ओर पिछले अनुभवों से सबक लेते हुए पुलिस एवं प्रशासन द्वारा तमाम ऐहतियाती कदम उठाये जा रहे है. इसके तहत आगामी 19 फरवरी को पड रही शिवजयंती को ध्यान में रखते हुए अब राजापेठ रेलवे उडानपुल के उपर पूरा समय पुलिस का एक पथक तैनात कर दिया गया है. साथ ही उडानपुल से जुडनेवाले सभी रास्तों पर भी पुलिस द्वारा कडी नजर रखी जा रही है. विशेष तौर पर रात के समय गश्त और मुस्तैदी को बढा दिया गया है.
बता दें कि, विगत माह 12 जनवरी को जीजाऊ जन्मोत्सव का औचित्य साधते हुए युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों ने राजापेठ रेलवे ओवरब्रिज पर रात के समय छत्रपति शिवाजी महाराज का आदमकद पुतला लाकर स्थापित कर दिया था. चूंकि यह पुतला स्थापित करने से पहले प्रशासन की अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी. अत: इसे सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण मानते हुए मनपा प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से इस पुतले को यहां से हटा दिया था. जिसके बाद विधायक रवि राणा ने चुनौती देनेवाले अंदाज में कहा था कि, 19 फरवरी को शिवजयंती के उपलक्ष्य में उसी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज का नया पुतला स्थापित किया जायेगा. जिसके बाद मनपा प्रशासन ने राजापेठ रेलवे ओवरब्रिज के उपर बिचोंबीच बने चबुतरे को भी तोड डाला था. जिसके निषेध स्वरूप बीते बुधवार को मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर पर कुछ महिलाओं द्वारा स्याही फेंकी गई थी. साथ ही कथित तौर पर जानलेवा हमला करने का प्रयास भी किया गया था. इस घटना के बाद यद्यपि विधायक रवि राणा ने इस मामले से अपना कोई भी संबंध नहीं रहने की बात कही थी. लेकिन 19 फरवरी को राजापेठ रेलवे ओवरब्रिज पर दुबारा शिवप्रतिमा स्थापित करने की बात दोहरायी थी. साथ ही साथ उनकी पत्नी व जिले की सांसद नवनीत राणा ने भी 19 फरवरी को राजापेठ आरओबी पर दोबारा पुतला स्थापित करने का ऐलान कर रखा है. ऐसे में किसी भी संभावित स्थिति से निपटने हेतु पुलिस एवं प्रशासन अभी से हरकत में दिखाई दे रहे है और किसी भी अप्रिय वारदात को टालने के लिए तमाम आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसी के तहत राजापेठ रेलवे ओवरब्रिज पर आज से ही पुलिस का पहरा लगा दिया गया है.
* निर्माण से लेकर उद्घाटन तक राजनीति का केंद्र रहा राजापेठ आरओबी
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस समय राजनीतिक आखाडा बन चुका राजापेठ रेलवे ओवरब्रिज शुरूआत से ही राजनीतिक विवादोें के चलते चर्चा में रहता आया है. सबसे पहले इस रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू करने और इसके लिए निधी लाने को लेकर श्रेय की लडाई शुरू हुई. पश्चात इसके भुमिपूजन और उद्घाटन को लेकर भी विवाद चलता रहा. जिसके तहत इस रेलवे ओवरब्रिज का कई-कई बार भुमिपूूजन व उद्घाटन हुआ. हालांकि अब भी इस आरओबी का काम पूरा नहीं हुआ है तथा शंकर नगर एवं गोपाल टॉकीज की ओर उतरनेवाली ढलान का काम होना बाकी है. वहीं इस उडान पुल के ठीक नीचेवाले रेलवे अंडरपास का भी मामला कुछ ऐसा ही रहा. जिसके भुमिपूजन, उद्घाटन और नामकरण को लेकर श्रेय की लडाई चलती रही. वहीं अब रेलवे ओवरब्रिज पर पुतला स्थापित करने को लेकर विवाद चल रहा है तथा रेलवे अंडरपास में आयुक्त पर स्याही फेंकने की घटना घटित हो चुकी है.

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