राजेश उमाले की एक बढकर एक गजल प्रस्तुति ने बांधा समा
प्राईम पार्क के सभागृह में सजी सुरों की महफिल
अमरावती/दि.1-महाराष्ट्र राज्य वृत्तपत्र और प्रसार माध्यम अधिस्वीकृति समिति की बैठक हाल ही में होटल प्राईम पार्क के सभागृह में हुई. इस दौरान गजलों की महफिल का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में गजल रत्न राजेश उमाले द्वारा प्रस्तुत एक से बढकर एक रचनाओं ने समा बांधा. ‘हंगामा है क्यों बरपा… आज जाने की जिद ना करों.. मै खयाल हूं किसी और का… क्या कर लोगे नाम समझकर.. होशवालों को खबर क्या…, दिल ढुंढता है फिर वहीं फुरसत के रात दिन’ इन गजलों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मुग्ध कर दिया.
मराठी गजलों के सुरीले सफर में उन्होंने गुलाम अली, फरिदा खानम, मेहंदी हसन, जगजीत सिंग, पंकज उदास जैसे माईल स्टोन गजल गायकों की लोकप्रिय रचना प्रस्तुत कर महफिल को चार चांद लगा दिए. सुरेश भट की ‘हे तुझे अशावेळी लाजणे बरे नाही’, और इलाही जमादार की ‘अंदाज आरशाचा वाटे खरा असावा’ इन दो मराठी गजलों की प्रस्तुति श्रोताओं के आग्रह पर देकर वाहीवाही लूटी.
पत्रकार माधव डोले लिखित ‘आकाशाला भेटून गेला एक अलौकिक सूर’ यह लता मंगेशकर पर बनाई गजल पेश कर महफिल को वातावरण को गजलमय बना दिया. इसी तरह पत्रकार अनिल जाधव द्वारा लिखित ‘प्रेमात भय कोणाचे, तू ठेविते मनाशी’ यह नई रचना भी प्रस्तुत की. नितिन भट की लोकप्रिय ‘मज नका हे गगन ही धरा’, यह फर्माईशी गजल भी उन्होंने प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया. महफिल के आरंभ में सूचना एवं जनसंपर्क संचालनालय मुंबई के सूचना संचालक हेमराज बागुल और वरिष्ठ पत्रकार यदू जोशी के हाथों पुष्पगुच्छ देकर कलाकारों का सम्मान किया गया. अमरावती विभागीय अधिस्वीकृति समिति के अध्यक्ष रवींद्र लाखोडे ने गजलगायक डॉ.राजेश उमाले और निवेदक नितिन भट का परिचय कराया. तबलावादन शीतल मांडवगडे, ऑक्टोपैड पर वीरेंद्र गावंडे तथा सिंथेसायझर पर रामेश्वर काले ने साथ दिया.