अमरावती

मर्यादा में रहे तो मिलेंगे राम-संत विश्वामित्र

सतीधाम मेें व्यास परिवार व्दारा भागवत कथा ज्ञानयज्ञ

* रविवार को हुआ भव्य कृष्ण जन्मोत्सव
अमरावती/दि.24- मर्यादा बहुत महत्वपूर्ण है. मर्यादा से मंगल होता है, मुक्ति होती है. मर्यादा से ही मर्यादा पुरुषोत्तम राम की प्राप्ति हो सकती है. अत: प्रत्येक को जीवन में हर क्षेत्र में अपनी सीमा, मर्यादा का पालन करना चाहिए. यह बात भागवत आचार्य निंबार्की संत विश्वामित्र शरण आचार्य ने कही. वे रविवार शाम रॉयली प्लॉट स्थित सतीधाम मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा की विवेचना कर रहे थे. बडी संख्या में श्रद्धालु विशेषकर महिलाएं कथा सुनने उमडी थी. यह आयोजन मिश्रीलाल व्यास परिवार खारचीवाला व्दारा स्व. उमेश व्यास की स्मृति में अधिक मास उपलक्ष्य किया गया है. रविवार को राम जन्मोत्सव और कृष्ण जन्मोत्सव उत्साह ेसे मनाया गया. सुंदर झांकी के साथ उपस्थितों ने थिरककर आनंद व्यक्त किया.
श्री गोवर्धनधाम से पधारे आचार्य विश्वामित्र शरण ने कहा कि भगवान विष्णु के वाहन गरुडजी है. वे भगवान के प्रति संकल्प कर उसे पूर्ण न करनेवालों को जकड लेते हैं. इसलिए कोई संकल्प न करें. यदि करे तो उसे समय पर पूर्ण करने का पूर्ण प्रयास करें. आचार्य जी ने नानाविध प्रसंग का सुंंदर विश्लेषण प्रस्तुत किया. उन्होंने ऋषि दुर्वासा को विष्णु भगवान व्दारा सुदर्शन चक्र से भयभीत करने के प्रसंग के साथ राम जन्मोत्सव और कृष्ण जन्म की कथा प्रस्तुत की. महराजश्री और उनके सहयोगी दीपक गोस्वामी व्दारा भजनों की प्रस्तुति सभी को आकर्षित कर गई. कथास्थल पर सुंदर व्यवस्था और सुरुचिपूर्ण सजावट से वातावरण भक्तिमय बना है. सतिधाम मंदिर वैसे भी अपनी सुंदर व्यवस्था के लिए सुविख्यात है ही. रविवार को पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, पूर्व महापौर विलास इंगोले और उज्जैयनी तथा अयोध्या से विशेष संत आदि पधारे थे. उसी प्रकार नगर के अनेक गणमान्य की उपस्थिति रही. उनमें पूर्व नगरसेवक सुरेश उर्फ मुन्ना सेवक, मदन सोनी, रामेश्वर उपाध्याय, घनश्याम व्यास, खुशाल तिवारी, कन्हैयालाल गोयल, श्यामसुंदर जोशी, आयोजक परिवार के मिश्रीलालजी, पुखराजजी, कमल, अशोक, हरीकिसन, श्रीकिसन, जयकिसन, राधाकिसन, सुभाष, राजेश, सुरेश, नरेश, शंकर, जुगल राकेचा, सागर व्यास, माणक व्यास, शिवनारायण उपाध्याय, मदनलाल उपाध्याय वरुड, रितेश आसोपा, संजय केसरवानी, पुरुषोत्तम उपाध्याय, सतीश ओझा, राजेश तिवारी, बालकिसन कोलरिया, ओमप्रकाश कोलरिया, श्याम ओझा, नारायण नागला, बंकट कोलरिया, आत्मराम उपाध्याय के साथ ही राजस्थान, खंडवा, बुर्‍हानपुर, इंदौर, वरंगल, जलगांव से बडी संख्या में भाविक कथा ज्ञानयज्ञ का रस ले रहे हैं. किन्नरों ने भी रविवार को भागवत कथा में उपस्थिति दर्ज की.

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