अमरावती

रमाई घरकुल का 12 वर्ष पूर्व का लक्ष्य अभी तक अपूर्ण

महापालिका अंतर्गत 700 घरकुल का काम बाकी

* बढती महंगाई का फटका भी
अमरावती/ दि. 5- रमाई घरकुल योजना अंतर्गत महापालिका को सन् 2010-11 में मिला लक्ष्य आज 12 वर्ष के बाद भी पूरा नहीं होने का दिखाई दे रहा है. जिसके कारण संबंधित लाभार्थियों सहित राजनीति क्षेत्र से भी बार- बार प्रशासन के विरोध में नाराजी व्यक्त किए जाने पर भी यह काम धीमी गति से होता हुआ दिखाई दे रहा है. इस दौरान बढती महंगाई का कारण भी हो सकता है.
अनुसूचित जाति प्रवर्ग के बेघरों को इस योजना अंतर्गत 323 चौरस फुट के प्रति घरकूलों के लिए 2 लाख 50 हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है. महापालिका को शासन ने 2010-11 मे 5 हजार 5 हजार 746 घरकूल का लक्ष्य दिया था. उसमें से अभी तक लगभग 5 हजार से अधिक घरकुल पूरे होने पर भी अभी तक लगभग 700 घरकूल का निर्माण कार्य बाकी है. लगभग 12 वर्ष में भी यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका. इसके लिए कुछ लाभार्थियों की स्वयं की समस्याएं , दस्तावेज त्रृटिया भी कारण हो फिर भी प्रशासकीय लापरवाही का बडा कारण है. इसके अलावा योजना में केवल ढाई लाख रूपये अनुदान मिलने पर निर्माण कार्य सामग्री की दर बहुत अधिक है. जिसके कारण रमाई आवास योजना यह महापालिका के प्रलंबित प्रकल्पों में से एक योजना रही है. आमसभा दौरान सभागृह में तत्कालीन नगरसेवकों ने अनेक बार प्रशासन पर रोष व्यक्त किए जाने से यह मुद्दा गूंजा था. प्रशासन की ओर से इस योजना पर अमल अत्यंत धीमी गति से होने से घरकुला का अनुदान दिलवाने के नाम पर लाभार्थियों की लूट होने का आरोप जनवरी 2021 की आमसभा में नगरसेवकों ने किया था. उस समय पूरे होनेवाले घरकुल की संख्या व आज की संख्या में ज्यादा अंतर दिखाई नहीं देता. अभी भी पूर्व नगर सेवक भूषण बनसोड, प्रहार जनशक्ति पार्टी का प्रयास प्रशासन के पास शुरू है. इस दौरान समाज कल्याण विभाग की ओर से महापालिका को अनुदान वितरित किया जाता है. मनपा प्रशासन ने समाज कल्याण विभाग को नियमित रूप से प्रयास न किए जाने से शुरूआत में निधि नहीं मिल सका. ऐसा आरोप प्रशासन पर इससे पूर्व अनेक बार किया गया. जिसके कारण इस लक्ष्य का शत प्रतिशत निराकरण कब होगा. ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा है.
शेष घरों में कुछ घरों के अनुदान का पहला अथवा दूसरा चरण दिया गया है. इसके अलावा निर्माण कार्य की दर बढ जाने से संबंधित लाभार्थी यह बढी हुई रकम नहीं दे सकते. जिसके कारण कुछ घरों की गति कम हो गई. किंतु अब शेष घर भी जल्दी पूरे हो जायेंगे.
रविंद्र पवार, कार्यकारी अभियंता-2, मनपा

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