अमरावती

एकाकी रहनेवाले वृध्दों की सुरक्षा ‘रामभरोसे’

कोरोना काल में हुए हाल-बेहाल

  • दो वक्त का भोजन मिलने में भी रही समस्या

  • कोई भी ध्यान देने के लिए तैयार नहीं

अमरावती/दि.28 – कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए विगत डेढ वर्ष के दौरान करीब दो से तीन बार कडा लॉकडाउन लगाया गया, ताकि संक्रमण की चेन को तोडा जा सके. किंतु इस लॉकडाउन काल के दौरान अकेले रहनेवाले बुजुर्ग नागरिकों को अच्छी-खासी समस्याओं का सामना करना पडा और उनकी सुरक्षा व जरूरत संबंधी कामकाज पूरी तरह से रामभरोसे रहे. दो वक्त के भोजन के साथ-साथ विभिन्न शारीरिक व्याधियों से जूझते इन बुजुर्गजनों को दवाई-गोली प्राप्त करने में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पडा. सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि शहर के किसी भी पुलिस थाने में उनके कार्यक्षेत्र अंतर्गत अकेले रहनेवाले बुजुर्गों के बारे में कोई जानकारी दर्ज नहीं है. जिसकी वजह से पुलिस द्वारा भी उन पर कोई ध्यान नहीं दिया जा सका.
हालांकि कोविड संक्रमण काल के दौरान सभी पुलिस अधिकारी व कर्मचारी दिन-रात सडक पर खडे रहकर अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे थे. अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत कोतवाली, राजापेठ, गाडगेनगर, फ्रेजरपुरा, नागपुरी गेट, खोलापुरी गेट, वलगांव, भातकुली, बडनेरा व नांदगांव पेठ पुलिस थानों का समावेश होता है. इन सभी पुलिस थाना क्षेत्र में रहनेवाले कई बुजुर्ग नागरिक पूरी तरह से निराधार व अकेले है. किंतु इनमें से किसी की भी जानकारी किसी भी पुलिस थाने में दर्ज नहीं है. ऐसे में पुलिस द्वारा कोविड संक्रमण काल के दौरान इन लोगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा सका. वहीं कोविड के खतरे और लॉकडाउन की वजह से चूंकि हर कोई अपने-अपने घर में ही रहने को मजबूर था. ऐसे में इन बुजुर्गजनों को दवाई लाकर देने के लिए भी कोई तैयार नहीं था. जिससे उनके काफी हाल-बेहाल हुए. वहीं कई लोगों को दो वक्त का भोजन प्राप्त करने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पडी. इसके अलावा बारिश के जारी मौसम में कुछ बुजुर्ग नागरिकों के कच्चे-पक्के मकानों का भी नुकसान हुआ है. किंतु उनकी सहायता के लिए कोई भी आगे नहीं आया है.

एकाकी बुजुर्गों की कोई जानकारी ही दर्ज नहीं

पता चला है कि, शहर दस पुलिस थाना क्षेत्रों में रहनेवाले निराधार व एकाकी बुजुर्गों के बारे में किसी भी पुलिस थाने में कोई जानकारी ही दर्ज नहीं है. ऐसे में पुलिस द्वारा कोविड संक्रमण काल के दौरान इन बुजुर्गों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा सका. वहीं अब राजापेठ थाना पुलिस द्वारा अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत रहनेवाले बुजुर्ग नागरिकों की जानकारी दर्ज करने का काम शुरू किया गया है. वहीं फ्रेजरपुरा पुलिस थाने द्वारा किसी भी बुजुर्ग नागरिक का सहायता हेतु फोन आने पर उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गई है. इसी तरह अन्य सभी पुलिस थानोें में भी अपने-अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत रहनेवाले बुजुर्ग नागरिकोें के लिए आवश्यक कदम उठाये जाने की जरूरत व्यक्त की जा रही है.

शहर में पुलिस थाने – 10
110 – पुलिस अधिकारी
1900 – पुलिस कर्मचारी
2.50 लाख से अधिक – शहर में 60 वर्ष से अधिक आयुवाले लोगों की संख्या

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