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बडनेरा के सावता मैदान पर कल से शुरु हुई रामलीला

82 वर्षों से चली आ रही परंपरा

* बलि प्रतिपदा पर धूमधाम से होगा नरकासूर दहन
* सार्वजनिक श्रीराम विजय महोत्सव समिति व सावता युवक मंडल का आयोजन
अमरावती/ दि. 18-अमरावती शहर का हिस्सा रहने वाले बडनेरा परिसर की जुनी बस्ती में विगत करीब 82 वर्षों से दीपावली पर्व के अवसर पर रामलीला के मंचन की परंपरा चली आ रही है. जिसके तहत कार्तिक कृष्ण अष्टमी से रामलीला का मंचन शुरु होता है जो कार्तिक अमावस यानि लक्ष्मी पूजन वाले दिन तक चलता है. पश्चात बलि प्रतिपदा वाले दिन यहां पर नरकासुर का दहन किया जाता है. हालांकि इससे पहले करीब 70 वर्षों तक रामलीला के पश्चात रावण के प्रतिकात्मक पुतले का दहन किया जाता था, परन्तु रावण दहन के लेकर मिली आपत्तियों के बाद वर्ष 2005 से नरकासूर दहन की परंपरा शुरु की गई. इसके तहत इस वर्ष सोमवार 17 अक्तूबर से सावता मैदान पर रामलीला का मंचन शुरु हुआ है जो अगले सोमवार 24 अक्तूबर तक चलेगा. पश्चात मंगलवार 25 अक्तूबर की शाम 6.30 बजे बड़ी धूमधाम के साथ नरकासूर का दहन किया जाएगा. यह आयोजन प्रति वर्ष सावता युवक मंडल द्बारा संचालित सार्वजनिक श्रीराम विजय महोत्सव समिति द्बारा किया जाता है.
आयोजन समिति के महासचिव तथा जुनी बस्ती बडनेरा क्षेत्र के पूर्व पार्षद प्रा. विजय नागपुरे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जुनी बस्ती बडनेरा परिसर में दीपावली के पर्व पर रामलीला के मंचन की परंपरा वर्ष 1920 केे आसपास शुरु हुई थी, उस समय जुनी बस्ती बडनेरा की गली में छोटा सा पुतला बनाकर रावण दहन किया जाता था. कालांतर में कुछ वर्ष बाद यह आयोजन सावता मैदान पर होेने लगा. चूंकि उस समय अमरावती में नवरात्र व दशहरा पर्व पर रामलीला और रावण दहन जैसे आयोजन होते थे, तो बडनेरा वासियों ने इस आयोजन के लिए दीपावली का समय चुना था और तब से यह परंपरा लगातार जारी है. हालांकि इस बीच विगत दो वर्ष कोविड संक्रमण व लॉकडाऊन के चलते यह आयोजन नहीं हो पाये. लेकिन चूंकि अब महामारी का खतरा टल गया है और सभी प्रतिबंध भी हटा दिये गए हैं. ऐसे में दीपावली के पर्व पर पहले की तरह बड़े उत्साह से रामलीला का मंचन और नरकासूर दहन का आयोजन होने जा रहा है. प्रा. विजय नागपुरे के मुताबिक, सावता मैदान पर करीब 70 वर्ष तक दीपावली के दूसरे दिन रावण दहन ही होता रहा. लेकिन कुछ आदिवासी संगठनों द्वारा अपनी धार्मिक भावनाओं का हवाला देकर उठाई गई आपत्तियों के चलते आयोजन के स्वरुप में थोड़ा बदलाव किया गया और अब रामलीला के मंचन पश्चात दीपावली के दूसरे दिन रावण दहन करने की बजाय नरकासूर का दहन करने की परंपरा शुरु की गई.
हर साल की तरह इस साल भी दीपावली के दूसरे दिन यानि मंगलवार 25 अक्तूबर को शाम 6.30 बजे नरकासुर दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. हर साल की तरह इस साल भी परिसरवासियों द्बारा दिपावली महोत्सव व गरीब जनता की दिवाली, भव्य आतिशबाजी अतिथियों का सत्कार मेधावी छात्र-छात्राओं का सत्कार कोरोना काल में मंडल के पदाधिकारी व शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं का आकस्मिक चले जाना जिसमें उन्हें व कोरोना वारियर्स व वीर शहीदों को आदरांजलि अर्पित आदि विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. इन सभी कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए कार्यकारिणी का गठन किया गया. जिसमें अध्यक्ष के तौर पर सुजय रमेश पवार, कार्याध्यक्ष पद पर अरविंद वर्‍हेकर, कोषाध्यक्ष पद पर रविन्द्र बाटके, मधुकर श्रीखंडे व शरदराव ठोसर तथा सहकोषाध्यक्ष पद पर स्वप्निल वाट, सूरज निमकर, मनीष कुथे, गजानन तर्‍हेकर, महासचिव पद पर प्रा. विजय नागपुरे, संजय लांबे, हर्षल बोबडे, अंकुश पवार का चयन किया गया. वहीं सदस्य के रूप में संजय जोशी, नितीन नागपुरे, संजय लांबे, आकाश वाट, श्रीहरी नागपुरे, सागर यावले का चयन किया गया है तथा कार्यकारिणी के सलाहगार के रूप में नीलकंठ कातरे, दिगंबर तायडे, डॉ. हेमंत देव की नियुक्ति की गई. उसी प्रकार नरकासुर प्रतिमा प्रमुख पद पर नितीन नागपुरे, वामन पवार, नरेन्द्र कुबडे, आतीशबाजी प्रमुख पद पर सागर पवार, प्रचार प्रमुख पद पर लांडोरे, संजय पंड्या, निशिकांत राजबिंदे तथा सुरक्षा समिति में स्वप्निल वॉट व व्यवस्थापन समिति में सुनील तायडे, महेश येते, संजय तिखे, सचिन मालपे, महेश वर्‍हेकर, आकाश वाट को शामिल किया गया.

* 51 फीट ऊंचे नरकासुर का होगा दहन
25 अक्तूबर को जुनीबस्ती के सावता युवक मंडल द्बारा संचालित श्रीराम विजय महोत्सव समिति की ओर से 51 फीट के भव्य दिव्य नरकासुर प्रतिकात्मक पुतले का दहन शाम 6.30 बजे प्रमुख अतिथियों के हस्ते किया जायेगा. जिसमें नरकासुर का 51 फीट उंचा पुतला और आतिशबाजी मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगी. सभी नागरिको से कार्यक्रम का लाभ लेने का अनुरोध महासचिव प्रा. विजय नागपुरे ने किया.

मध्यप्रदेश से आयी मंडली पेश कर रही रामलीला
इस वर्ष इस आयोजन में आजादी के अमृत महोत्सव के प्रति समर्पित किया गया है. साथ ही मध्यप्रदेश के सतना निवासी रामकुमार पांडे और उनकी मंडली द्वारा सोमवार 17 अक्तूबर से सावता मैदान पर रामलीला की प्रस्तुति देना शुरु की गई है. साथ ही रामलीला का मंचन शुरु होने से पहले जुनी बस्ती बडनेरा के सपाटे भजन मंडल द्वारा यहां पर हरिपाठ व भजनों की प्रस्तुति दी जा रही है. इस आयोजन को पहले ही दिन जुनी बस्ती सहित नई बस्ती बडनेरा परिसरवासियों का अच्छा खासा प्रतिसाद मिला और पहले दिन से ही यहां पर रामलीला का मंचन देखने हेतु परिसरवासियों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ी.

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