अमरावती/ दि.19 – अमरावती शहर के रामनगर परिसर में स्थित हनुमान मंदिर की जमीन चोरी जाने की चौकाने वाली घटना सामने आयी है. जिस जमीन पर मंदिर है, वह पूरी जमीन लापता हो गई. मंदिर की जमीन चोरी जाने की शिकायत जिला प्रशासन समेत मंत्रालय तक की गई है.
शहर के मौजा शेगांव स्थित सर्वे क्रमांक 57/2 में रहने वाले गोेविंद सरनाईक के 37 हजार स्केअर फीट खेत में 100 वर्ष पुराना हनुमान मंदिर है. गोविंद सरनाईक ने 7 अप्रैल 1988 को उनकी 37 हजार स्केअर फीट में से 2 एकड जमीन दो लोगों को बेची थी. उसी दिन याने 7 अप्रैल 1983 को जिसने जमीन खरीदी उसने तीसरे व्यक्ति को बेच दी. गोविंदराव सरनाईक के निधन के बाद इस जमीन का भूमिअभिलेख विभाग ने गलत नक्शा दिया. केवल 37 हजार स्केअर फीट जमीन छोडकर बकाया जमीन पर अमरावती महापालिका ने ले-आउट मंजूर किया, इसके कारण 1960 से श्री हनुमान इस नाम से रहने वाली यहां की हनुमान मंदिर की सातबारा पर रहने वाली 37 हजार स्केअरफीट जमीन लापता हो गई.
जिसे जमीन बेची उसे बिल्डर ने सरनाईक व्दारा पहले बेची गई दो एकड जमीन समेत बकाया सभी जमीन पर अधिकार बताकर बाउंड्री बना ली, यह चौकाने वाली बात सामने आने के बाद सरनाईक परिवार की ओर से सचिन देशमुख नामक व्यक्ति ने इस बारे में मंत्रालय में 2016 में शिकायत दी. इस मामले की जांच शुरु हुई. मामला न्यायालय तक पहुंचा. अदालत ने जमीन पर निर्माण कार्य करने वाले बिल्डर को निर्माण कार्य करे, परंतु फैसला होने तक किसी को बेचे ना, ऐसे आदेश दिये. महापालिका को भी यह गडबडी कैसे हुई, इस बारे में शासन व्दारा पूछा गया. परंतु इस बारे में महापालिका किसी भी तरह का स्पष्टीकरण नहीं दे पायी. जिसके कारण जमीन पर निर्माण कार्य करने वाले निर्माण कार्य व्यवसायी परेशानी में फंस गए हे. इस पूरे गडबडी में हनुमान मंदिर की जमीन का अब तक पता नहीं चल पाया, ऐसा सचिन देशमुख ने शिकायत में कहा है.