शैडो रजिस्टर की विविध दरों पर राणा व वानखडे का आक्षेप
अमरावती/दि.4 – आज 4 जुलाई को लोकसभा चुनाव लड चुके प्रत्याशियों हेतु अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि है. जिससे पहले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी रह चुके नवनीत राणा तथा सांसद निर्वाचित हुए बलवंत वानखडे के प्रतिनिधियों द्वारा शैडो रजिस्टर में खर्च नोंद को लेकर कुछ आपत्तियां दर्ज कराई गई है. जिसकी समीक्षा करते हुए इलेक्शन ऑब्जर्वर अनुपकुमार वर्मा ने अपने शैडो रजिस्टर पथक को आवश्यक निर्देश दिये है. जिसके चलते पथक द्वारा खर्च के ब्यौरों की पडताल की जा रही है.
बता दें कि, मतगणना होने के बाद अगले एक माह के भीतर चुनाव लडने वाले सभी प्रत्याशियों को अपने खर्च का ब्यौरा देना होता है. चूंकि विगत 4 जून को संसदीय चुनाव की मतगणना हुई थी. अत: अमरावती संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडने वाले सभी प्रत्याशियों को 4 जुलाई तक अपने खर्च का ब्यौरा देना अनिवार्य था. इस कालावधि के दौरान करीब 35 प्रत्याशियों ने अपने खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत कर दिया. जिसमें कुछ त्रुटियां रहने पर उन्हें संबंधित प्रत्याशियों द्वारा 4 जुलाई तक दुरुस्त किये जाने की व्यवस्था भी दी गई थी. जिसके चलते आब्जर्वर ने विगत सोमवार को बैठक लेते हुए प्रत्याशियों द्वारा दिये गये खर्च के ब्यौरे की पडताल की और आवश्यक निर्देश भी जारी किये. इस समय दो प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों ने शैडो रजिस्टर में रहने वाली खर्च की दरों को लेकर कुछ आपत्तियां दर्ज कराई. जिसमें से कुछ आपत्तियों को मान्य भी किया गया, ऐसी जानकारी सामने आयी है.
वहीं अब आज 4 जुलाई को एक बार फिर चुनावी खर्च के ब्यौरे का शैडो रजिस्टर में दर्ज दरों के साथ मिलान किया जाएगा. पश्चात जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ कटियार व निर्वाचन खर्च निरीक्षक अनुप वर्मा द्वारा मुहर लगाये जाने के बाद प्रत्याशियों के खर्च के ब्यौरे को भारत निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया जाएगा. बता दें कि, इस बार लोकसभा चुनाव हेतु निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों द्वारा किये जा सकने वाले अधिकतम खर्च की मर्यादा को 25 लाख रुपए से बढाकर 95 लाख रुपए कर दिया था. जिसके चलते कई उम्मीदवारों ने चुनाव के समय खुले हाथ से खर्च किया. परंतु खर्च नियंत्रण समिति के पास खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करते समय कुछ हद तक हाथ पीछे खींच लिया. बता दें कि, प्रत्याशियों द्वारा चुनाव में किये गये खर्च के साथ-साथ विजेता प्रत्याशी की विजयी रैली तक का खर्च भी चुनावी खर्च के ब्यौरे में पकडा जाता है.
* शैडो रजिस्टर से बूब का खर्च अधिक
चुनाव के समय खर्च नियंत्रण समिति द्वारा प्रत्येक प्रत्याशी की ओर से किये जाने वाले सभी छोटे-बडे खर्च की जानकारी को पहले से तय दर पत्रक के अनुसार शैडो रजिस्टर में दर्ज किया जाता है, जो अमूमन प्रत्याशियों द्वारा दिये जाने वाले खर्च के ब्यौरे से अधिक ही होता है. परंतु अमरावती संसदीय क्षेत्र में केवल प्रहार प्रत्याशी दिनेश बूब ही एकमात्र ऐसे उम्मीदवार रहे. जिनके द्वारा दिया गया खर्च का ब्यौरा शैडो रजिस्टर में दर्ज खर्च की तुलना में 1 लाख रुपए से अधिक रहा. दिनेश बूब ने इस चुनाव में 91 लाख रुपए के खर्च का ब्यौरा दिया है. जबकि निर्वाचन विभाग के शैडो रजिस्टर में दिनेश बूब का चुनावी खर्च 90 लाख रुपए दर्ज किया गया.
* राणा व वानखडे के खर्च की दोबारा जांच
महाविकास आघाडी के विजेता प्रत्याशी बलवंत वानखडे तथा महायुति की प्रत्याशी नवनीत राणा द्वारा 50 से 60 लाख रुपयों का चुनावी खर्च दर्शाया गया है. जिसकी तुलना में शैडो रजिस्टर में दर्ज किया गया चुनावी खर्च कही अधिक है. ऐसे में खर्च की रकम के मिलान हेतु बुलाई गई बैठक में दोनों के प्रतिनिधियों ने दर पत्रक को लेकर ही अपनी कुछ आपत्तियां जताई. इसके चलते जिलाधीश की समिति में चर्चा करते हुए पथक द्वारा खर्च को अंतिम किया जा रहा है.
* उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों ने चुनावी खर्च निरीक्षक के समक्ष शैडो रजिस्टर की कुछ दरों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई. जिसके चलते पथक द्वारा संबंधित बातों की जांच पडताल करते हुए खर्च को अंतिम किया जा रहा है.
– सौरभ कटियार,
जिलाधीश तथा जिला निर्वाचन निर्णय अधिकारी