जिले की राजनीति में ‘हैवीवेट’ बने राणा दंपति
हर ओर केवल और केवल नवनीत व रवि राणा के नामों की ही चर्चा
* निर्वाचन क्षेत्र चाहे कोई भी हो, सेंटर में केवल राणा ही
अमरावती /दि. 13- इस समय जिले के 8 निर्वाचन क्षेत्रो में विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही धामधूम और जबरदस्त राजनीतिक उथलपुथल के बीच जहां प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में संबंधित क्षेत्र के प्रमुख प्रत्याशियों के नामों की चर्चा है, वहीं हर निर्वाचन क्षेत्र में जिले की पूर्व सांसद नवनीत राणा तथा उनके पति व विधायक रवि राणा के नाम ही चर्चा के मुख्य केंद्र में है. यानी निर्वाचन क्षेत्र चाहे कोई भी हो, लेकिन राणा दंपति के नाम के बिना राजनीतिक चर्चा ही पूरी नहीं हो पाती और ऐसी चर्चाओं का मुख्य सार यह है कि, महायुति में किस निर्वाचन क्षेत्र से कौन प्रत्याशी होगा, यह तय करने में राणा दंपति की प्रमुख भूमिका रही. साथ ही जिन निर्वाचन क्षेत्रों में महायुति द्वारा राणा दंपति की मर्जी के बिना या उनकी मर्जी की अनदेखी करते हुए प्रत्याशी दिए गए, उन निर्वाचन क्षेत्रों में राणा दंपति द्वारा महायुति प्रत्याशी के खिलाफ काम किया जा रहा है. ऐसे में चर्चा चल रही है कि, जिले की राजनीति में अब राणा दंपति इतने अधिक ‘हैवीवेट’ हो चुके है कि, वे किसी को भी लाने या गिराने का काम कर सकते है. साथ ही साथ जिले की राजनीति अब राणा दंपति के ईर्द-गिर्द ही केंद्रीत हो गई है.
अमरावती जिले में राणा दंपति के लगातार बढते कद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि, एक ओर तो भाजपा ने पार्टी के खिलाफ भूमिका अपनाने वाले अपने 30 से 40 स्थानीय पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. जिनमें अमरावती व बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से महायुति प्रत्याशी के खिलाफ अपनी दावेदारी पेश करनेवाले पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता व पूर्व सभागृह नेता तुषार भारतीय जैसे नेताओं का समावेश है. वहीं दूसरी और दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र में महायुति प्रत्याशी के खिलाफ अपना प्रत्याशी खडा करनेवाले युवा स्वाभिमान पार्टी के मुखिया रवि राणा के खिलाफ भाजपा नेताओं के मुंह से चूं तक नहीं निकल रही. जबकि विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा नेताओं की ओर से आयोजित प्रचार सभाओं में खुद रवि राणा की पत्नी तथा पूर्व सांसद व भाजपा नेत्री नवनीत राणा भी उपस्थित रहती है.
ध्यान देनेवाली बात यह भी है कि, जिन-जिन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा द्वारा प्रत्याशी खडे किए गए है. उन्हीं निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के दिग्गज नेताओं व स्टार प्रचारकों की सभाएं हो रही है. वहीं जिन निर्वाचन क्षेत्रों में महायुति के अन्य घटक दलों के प्रत्याशी खडे है, वहां उन घटक दलों के नेताओं की सभाएं आयोजित की जा रही है. यही वजह रही कि दर्यापुर में सीएम एकनाथ शिंदे व मोर्शी-वरुड में डेप्युटी सीएम अजीत पवार की सभाएं हुई. परंतु बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में महायुति की ओर से युवा स्वाभिमान पार्टी के प्रत्याशी रहनेवाले रवि राणा के प्रचार हेतु खुद प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेता व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सभा हुई और जिस दिन बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में डेप्युटी सीएम फडणवीस की सभा हुई थी. उसी दिन रवि राणा ने भाजपा के शहर कार्यालय पहुंचकर भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों की बैठक ली थी. जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि, आगामी मनपा चुनाव में किस प्रभाग से कौन प्रत्याशी होगा, यह वे खुद तय करेंगे. साथ ही इस बार अमरावती मनपा का महापौर भी कमल चुनाव चिन्ह वाला होगा. इसका सीधा मतलब है कि, अमरावती मनपा के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी तय करने को लेकर राणा दंपति की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहेगी.
* अच्छे-अच्छों को ले रखा है निशाने पर
अमरावती शहर से जिले की राजनीति में इससे पहले अपना अच्छा-खासा रुतबा व रसूख रखने के साथ ही दबदबा बनाए रखनेवाले कई दिग्गज नेता भी इस समय राणा दंपति के निशाने पर है. राणा दंपति द्वारा ऐसे नेताओं से हमेशा ही दो-दो हाथ करने की तैयारी की जाती है. जिनमें अमरावती निर्वाचन क्षेत्र की विधायक सुलभा खोडके, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके, अपने आक्रामक अंदाज के लिए पूरे राज्य में मशहूर रहनेवाले प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया बच्चू कडू, तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक यशोमति ठाकुर तथा जिले के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल एवं उनके बेटे व पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल जैसे नेताओं का समावेश है. जिनसे अपना हिसाब-किताब पूरा करने का एक भी मौका राणा दंपति द्वारा नहीं छोडा जा रहा और ऐसा करते वक्त इस बात की भी फिक्र नहीं की जा रही कि, इनमें से अब कोई नेता कहीं महायुति में तो शामिल नहीं.
बता दे कि, अमरावती की विधायक सुलभा खोडके इस समय महायुति में शामिल अजीत पवार गुट वाली राकांपा की ओर से अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में प्रत्याशी है. जिन्हे हराने और उनके साथ अपना हिसाब-किताब पूर्ण करने का तमाम प्रयास राणा दंपति द्वारा किए जा रहे है. साथ ही साथ शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र में महायुति के प्रत्याशी रहनेवाले अभिजीत अडसूल से अपना हिसाब-किताब पूरा करने के लिए तो विधायक रवि राणा ने वहां पर भाजपा में सेंध लगाकर भाजपा के पूर्व विधायक रमेश बुंदिले को युवा स्वाभिमान पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतर दिया है. इसके साथ ही प्रहार पार्टी के मुखिया व अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बच्चू कडू सहित उनके सहयोगी व मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल से अपना हिसाब-किताब पूरा करने के लिए भाजपा नेत्री नवनीत राणा लगातार इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में घूमकर प्रचार कर रही है. इन सबके साथ ही राणा दंपति एवं कांग्रेस नेत्री यशोमति ठाकुर के बीच चलनेवाली अदावत ही जगजाहीर है. ऐसे में राणा दंपति द्वारा तिवसा निर्वाचन क्षेत्र में भी यशोमति ठाकुर को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी जा रही है. वहीं खुद रवि राणा बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी अखाडे में है. जिसके चलते कहा जा सकता है कि, भले ही रवि राणा इस समय केवल एक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड रहे है. लेकिन उनके नाम की चर्चा जिले के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में जमकर हो रही है. ऐसी स्थिति फिलहाल किसी भी अन्य नेता के साथ नहीं दिखाई दे रही. जिसके चलते विधायक रवि राणा तथा पूर्व सांसद नवनीत राणा को जिले की राजनीति में हैवीवेट माना जा रहा है और इस वक्त जिले की राजनीति पूरी तरह से राणा दंपति के ईर्द-गिर्द ही केंद्रीत दिखाई दे रही है.
* सांसद बलवंत वानखडे को भी कह दिया था ‘वॉचमैन’
ध्यान दिला दें कि, बीते दिनों राणा दंपति विशेष कर विधायक रवि राणा ने जिले के कांग्रेस सांसद बलवंत वानखडे को भी अपने निशाने पर लेते हुए यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि, सांसद वानखडे रोजाना सुबह-शाम कांग्रेस नेत्री व विधायक यशोमति ठाकुर के घर पर सैल्यूट ठोंकने जाते है और सांसद वानखडे एक तरह से यशोमति ठाकुर के घर के ‘वॉचमैन’ हैं. पिछडी जाति से वास्ता रखनेवाले सांसद बलवंत वानखडे को लेकर दिए गए इस बयान के लिए भी भाजपा नेताओं द्वारा राणा दंपति को आज तक कभी कुछ नहीं कहा गया. इससे भी अनुमान लगाया जा सकता है कि, राणा दंपति का भाजपा में वजन कितना जबरदस्त है.
* हिंदू शेरनी व झांसी की रानी जैसे विशेषणों से नवाजी गई नवनीत
खास बात यह है कि, अभी पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुई पूर्व सांसद नवनीत राणा देखते ही देखते भाजपा के दिग्गज नेताओं की आंखों का तारा बन गई है. यही वजह है कि, अब उनके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जैसे बडे नेताओं द्वारा हिंदू शेरनी व झांसी की रानी जैसे विशेषणों का प्रयोग किया जाने लगा है. जिससे भाजपा में नवनीत राणा की स्वीकार्यता का अनुमान लगाया जा सकता है.